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पंजाब बजट : पेट्रो पदार्थों की कीमतों में कमी, नशे के खात्मे के लिए खोली तिजोरी और भी बहुत कुछ

Written by  Arvind Kumar -- February 18th 2019 02:36 PM -- Updated: February 18th 2019 03:08 PM
पंजाब बजट : पेट्रो पदार्थों की कीमतों में कमी, नशे के खात्मे के लिए खोली तिजोरी और भी बहुत कुछ

पंजाब बजट : पेट्रो पदार्थों की कीमतों में कमी, नशे के खात्मे के लिए खोली तिजोरी और भी बहुत कुछ

चंडीगढ़। वित्‍तमंत्री मनप्रीत सिंह‍ बादल ने पंजाब सरकार का वर्ष 2019-20 का बजट सोमवार को विधानसभा में पेश किया। मनप्रीत बादल ने वर्ष 2019-20 के लिए कुल 158493 करोड़ का बजट पेश किया है जो कि वर्ष 2018-19 (संशोधित अनुमान) के 127415 करोड़ रुपए से 24.39 प्रतिशत अधिक है। इस बजट में उन्होंने सभी वर्गों को खुश करने की कोशिश की है। जहां वैट घटाकर पेट्रो पदार्थों में कमी की है वहीं नशे के खात्मे के लिए अपनी तिजोरी खोल दी है। वित्त मंत्री के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री नशे के खात्मे के लिए जितने पैसे मांगेंगे उतनी राशि मंजूर की जाएगी।

वहीं इस बजट में किसानों की कर्ज माफी के लिए 3000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा किसानों को मुफ्त बिजली देने के लिए 8969 रुपए का प्रस्ताव लाया गया है। बजट की मुख्य बातें

  • पेट्रोल 5 रुपए और डीजल 1 रुपए तक सस्ता
  • सरकार ने नशे के खात्मे के लिए खोली तिजोरी
  • किसान कर्ज माफी के लिए 3000 करोड़ रुपए
  • किसानों को मुफ्त बिजली के लिए 8969 करोड़ रुपए
  • पराली जलाने से रोकने के लिए 375 करोड़ रुपए
  • जलियांवाला बाग शताब्दी समारोह के लिए 5 करोड़
  • गन्ना किसानों के लिए 355 करोड़ रुपए का प्रावधान
  • दूध उत्पादन में 7 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाएगी
  • नए डेयरी यूनिटों की स्थापना का प्रस्ताव
  • जालंधर में उच्च-स्तरीय र्स्पोट्स स्टेडियम
  • ‘मेक इन पंजाब’ नाम की एक नई नीति की घोषणा
  • ’स्मार्ट विलेज कैंपेन’ शुरू की जाएगी
यह भी पढ़ें : बजट स्पीच के दौरान पंजाब विधानसभा में हंगामा, अकाली नेताओं और सिद्धू में नोकझोंक वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य की जीएसडीपी वर्तमान मूल्यों पर वर्ष 2017-18 के 470137 करोड़ रुपए से बढ़कर वर्ष 2018-19 के दौरान 518291 करोड़ रुपए हो गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार की प्रगतिशील नीतियों के परिणामस्वरूप वर्ष 2019-20 के दौरान राज्य की जीएसडीपी बढ़कर 577829 करोड़ रुपए हो जाएगी।

वित्तीय घाटे के बारे में वित्त मंत्री ने बताया कि हमारा वित्तीय घाटा वर्ष 2017-18 में 2.65 प्रतिशत है जो कि वर्ष 2016-17 में 12.30 प्रतिशत था वर्ष 2017-18 के संशोधित अनुमान में 4.36 प्रतिशत रखा गया था। वर्तमान स्थिति को मद्देनज़र रखते हुए हम वर्ष 2019-20 के चालू वित्तीय वर्ष के दौरान वित्तीय घाटे को 3.40 प्रतिशत पर रखने के काबिल हो सके हैं।


Punjab Vidhan Sabha Budget Session Petrol and diesel prices Big relief इस बजट को लेकर नौकरीपेशा और युवाओं में काफी उम्मीदें थीं। लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी है। ना तो कुछ रोजगार को लेकर सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया है और ना ही नौकरीपेशा वर्ग को कोई खास लाभ मिला है। वहीं सामाजिक सुरक्षा पेंशन धारकों की पेंशन में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसके अलावा घाटे के इस बजट में घाटे से उभारने के लिए भी किसी ठोस कदम का जिक्र नहीं है।

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