एम्स के निदेशक बोले- रेमडेसिविर जादुई दवा नहीं, हो सकता है हानिकारक प्रभाव
नई दिल्ली। कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही रेमडेसिविर की मांग भी बढ़ गई है। लेकिन कोविड रोगियों के उपचार में प्रयुक्त इंजेक्शन रेमडेसिविर को लेकर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि यह जादुई दवा नहीं है। इससे मृत्यु दर में कमी के मामले में कोई लाभ नहीं होता है। [caption id="attachment_490466" align="aligncenter" width="700"] Coronavirus India : ਇਕ ਦਿਨ 'ਚ ਕੋਰੋਨਾ ਦੇ ਰਿਕਾਰਡ 2.73 ਲੱਖ ਤੋਂ ਵੱਧ ਨਵੇਂ ਕੇਸ ਆਏ ਸਾਹਮਣੇ[/caption] उन्होंने कहा कि यह केवल मध्यम रोगियों में उपयोगी है और इसकी सीमित भूमिका है। उन्होंने कहा कि Remdesivir केवल उन रोगियों को दिया जाना चाहिए जो अस्पताल में भर्ती हैं और जिनमें ऑक्सीजन का स्तर गिर गया हो। रणदीप गुलेरिया ने कहा कि रिकवरी ट्रायल से पता चला कि स्टेरॉयड से लाभ होगा लेकिन यह पता होना चाहिए कि वे कब दिए जाने चाहिए। यदि ऑक्सीजन का स्तर गिरने से पहले दिया जाता तो इसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है। [caption id="attachment_490424" align="aligncenter" width="700"] COVID19 Update: एक दिन में 2.73 लाख नए मामले, 1619 की मौत[/caption] यह भी पढ़ें- दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों के बीच केजरीवाल ने पीएम मोदी को लिखा पत्र यह भी पढ़ें- कुमारी सैलजा बोलीं- हरियाणा में कोरोना संक्रमण से हालात अत्यंत खतरनाक उल्लेखनीय है कि हाल ही में प्रमुख दवा कंपनियों ने केंद्र के हस्तक्षेप के बाद रेमडेसिवीर टीके की कीमतों में कटौती करने का फैसला लिया है। इसके बाद अब सभी को इन्जेक्शन 50 से 60 फीसदी सस्ते मूल्यों पर उपलब्ध होगा। बता दें कि पिछले दिनों भारत सरकार ने इंजेक्शन रेमडेसिविर तथा रेमडेसिविर एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही इसका उत्पादन बढ़ाने का फैसला लिया था।