russia ukraine war: यूक्रेन ने रूस को UNSC से बाहर करने की उठाई मांग, रूस के हमले को बताया नरसंहार
russia ukraine war: यूक्रेन की जनता अब रूसी सेना के खिलाफ हथियार उठा चुकी है। लोग गोरिल्ला वॉर की तैयारी कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने सड़कों पर ट्रेंच खोदना शुरू कर दी है। यूक्रेन भी अपने आम नागरिकों को हथियार दे रहा है। लोगों का कहना है कि उन्हें अपने देश पर रूस का कब्जा स्वीकार नहीं है। वो अपने देश की रक्षा के लिए तैयार हैं। रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine Crisis) के बीच जारी जंग का आज चौथा दिन है। रूस की ओर से लगातार हमला जारी है तो यूक्रेन भी माकूल जवाब दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध और बातचीत के जरिए रूस पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि वह तत्काल सैन्य कार्रवाई रोक दे, लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है। हमले में अब तक यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि उनके देश पर आक्रमण के चलते रूस को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से बाहर कर दिया जाना चाहिए। जेलेंस्की ने रविवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि यूक्रेन पर रूस का आक्रमण नरसंहार की दिशा में उठाया गया कदम है।उन्होंने कहा, "रूस ने बुराई का रास्ता चुना है और दुनिया को उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से बाहर कर देना चाहिए।" रूस सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक है, जिसके चलते उसके पास प्रस्तावों को वीटो करने की शक्ति है।राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध अधिकरण को यूक्रेन के शहरों पर रूस के हमलों की जांच करनी चाहिए।उन्होंने रूसी आक्रमण को 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' करार दिया। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने कहा कि पड़ोसी देशों में पहुंच रहे यूक्रेन के नागरिकों की संख्या अब दो लाख के पार चली गई है। शरणार्थियों मामलों के संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त ने ट्वीट किया कि रूसी बलों के आक्रमण की वजह से भाग रहे लोगों की संख्या अब लगातार बदल रही है और इस पर अपडेटेड जानकारी रविवार को जारी की जाएगी। एजेंसी ने शनिवार को अनुमान जताया था कि यूक्रेन के कम से कम 1,50,000 नागरिक भागकर पोलैंड और हंगरी और रोमानिया समेत अन्य देश चले गए हैं। वहीं, क्रेन की जनता अब रूसी सेना के खिलाफ हथियार उठा चुकी है। लोग गोरिल्ला वॉर की तैयारी कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने सड़कों पर ट्रेंच खोदना शुरू कर दी है। यूक्रेन भी अपने आम नागरिकों को हथियार दे रहा है। लोगों का कहना है कि उन्हें अपने देश पर रूस का कब्जा स्वीकार नहीं है। वो अपने देश की रक्षा के लिए तैयार हैं।