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बीमारी से मरने वाला था स्ट्रे डॉग, फेसबुक से चमकी किस्मत और पहुंच गया अमेरिका

Written by  Arvind Kumar -- February 18th 2020 10:30 AM
बीमारी से मरने वाला था स्ट्रे डॉग, फेसबुक से चमकी किस्मत और पहुंच गया अमेरिका

बीमारी से मरने वाला था स्ट्रे डॉग, फेसबुक से चमकी किस्मत और पहुंच गया अमेरिका

बहादुरगढ़। (प्रदीप धनखड़) दिल्ली की गलियों में घूम रहे बीमार कुत्ते की डेढ़ माह में किस्मत चमक गई। बीमारी की वजह से मरने के कगार पर पहुंचे कुत्ते का अमेरिका में रहने वाली एक एनआरआई ने बहादुरगढ़ की संस्था की मदद से इलाज करवाया। वहीं फेसबुक के जरिए अमेरिका में अपने दोस्तों को भी इसकी तस्वीर शेयर की। अब अमेरिका के रहने वाले एक परिवार ने इस कुत्ते को गोद ले लिया। 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे वाले दिन यह कुत्ता हवाई जहाज से अमेरिका पहुंच गया। इसे किस्मत का खेल नहीं तो और क्या कहेंगे! [caption id="attachment_389719" align="aligncenter" width="700"]Stray Dog was about to die of illness, Now reached America बीमारी से मरने वाला था स्ट्रे डॉग, फेसबुक से चमकी किस्मत और पहुंच गया अमेरिका[/caption] दरअसल दिल्ली के राजौरी गार्डन में जनवरी माह में अपनी मां से मिलने अमेरिका से आई वीनस कौर मुल्तानी नाम की महिला की नजर गली में पड़े एक बीमार कुत्ते पर पड़ी। उसने कुत्ते के इलाज के लिए डॉक्टरों से संपर्क किया। जिसके बाद दिल्ली के पशु चिकित्सकों ने कुत्ते को स्किन से सम्बंधित लाइलाज बीमारी बताई और उनसे कहा कि इस कुत्ते को मौत की नींद सुला देना ही इसके दर्द से मुक्त कराने का एकमात्र रास्ता है। मुल्तानी ने चिकित्सकों से ऐसा करने से मना कर दिया। जिसके बाद मुल्तानी ने फेसबुक पर इसकी तस्वीर शेयर कर लोगों से राय मांगी। जिसे बहादुरगढ़ की गार्डियंस ऑफ एंजेल ट्रस्ट नाम की संस्था ने देखा और मुल्तानी से कुत्ते का इलाज करने की इच्छा जाहिर की। जिसके बाद महिला ने कुत्ते को संस्था में भिजवाया। यहां के चिकित्सकों ने स्ट्रे डॉग का नाम कोको रखा और उसका इलाज भी किया। जिसके बाद कोको नाम का कुत्ता 10 दिन के अंदर ही बिल्कुल ठीक हो गया। [caption id="attachment_389716" align="aligncenter" width="700"]Stray Dog was about to die of illness, Now reached America बीमारी से मरने वाला था स्ट्रे डॉग, फेसबुक से चमकी किस्मत और पहुंच गया अमेरिका[/caption] मुल्तानी ने ठीक होने के बाद कोको की तस्वीर दोबारा से फेसबुक पर शेयर की और अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को शहर में रहने वाले अपने मित्र ग्रेग और क्रिस्टा को भी भेजी। तब उन्होंने कोको को गोद लेने की इच्छा जाहिर की। तब संस्था के सदस्यों ने इसमें उनकी मदद की और करीब 60 हजार रुपये खर्च करके कोको के कागजात बनवाए और उसे सैन फ्रांसिस्को भिजवाया। [caption id="attachment_389717" align="aligncenter" width="700"]Stray Dog was about to die of illness, Now reached America बीमारी से मरने वाला था स्ट्रे डॉग, फेसबुक से चमकी किस्मत और पहुंच गया अमेरिका[/caption] बीमार और बेसहारा जीव जंतुओं के लिए बहादुरगढ़ की गार्डियंस ऑफ एंजल संस्था मसीहा साबित हो रही है। यह संस्था 2019 में दो पशु प्रेमियों धीरज शर्मा और हरिकिशन मंगला के प्रयासों से शुरू हुई और अब तक सैकड़ों बेसहारा, बीमार कुत्ते, बिल्ली, बंदर, कबूतर और गोवंश का इलाज कर उन्हें नया जीवन प्रदान कर चुकी है। पशु प्रेमी एवं गार्डियंस ऑफ एंजेल ट्रस्ट के प्रधान हरिकिशन मंगला का कहना है कि वे पिछले लंबे समय से पशुओं के अस्पतालों में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं और बेसहारा अपाहिज और बीमार जीव-जंतुओं की सेवा में अपना जीवन लगाने का मन बना चुके हैं। वह पहले कई संस्थाओं से जुड़े लेकिन उन्हें आत्म संतुष्टि नहीं मिली। जिसके बाद उन्होंने अपनी संस्था रजिस्टर करवाई और मित्रों के सहयोग से जीव जंतुओं की सेवा का पुनीत कार्य करना शुरू किया। [caption id="attachment_389715" align="aligncenter" width="700"]Stray Dog was about to die of illness, Now reached America बीमारी से मरने वाला था स्ट्रे डॉग, फेसबुक से चमकी किस्मत और पहुंच गया अमेरिका[/caption] संस्था के वरिष्ठ सहयोगी धीरज शर्मा निरंतर बेसहारा पशु पक्षियों के इलाज में अपना योगदान देते आ रहे हैं। उनका कहना है कि गलियों में घूमने वाले बेसहारा कुत्तों की दशा बेहद खराब होती आ रही है। ऐसे में इन बेजुबान जानवरों के लिए अच्छा घर ढूंढना ही उनकी प्राथमिकता है। कोको इसका जीता जागता उदाहरण है कि किस तरह एक तरफ जहां चिकित्सकों ने उसे लाइलाज बीमारी बताकर उसे मारने तक की नसीहत दे डाली। लेकिन संस्था ने उसे नया जीवन प्रदान किया और वह सात समंदर पार पहुंच गया। उनकी संस्था बेसहारा और बेजुबान जानवरों के लिए आगे भी सुरक्षित घर ढूंढते रहेंगे। उन्होंने बताया कि जल्द ही एक ओर स्ट्रे डॉग को विदेश में अडॉप्ट करवाने की तैयारी की जा रही है। यह भी पढ़ें: खड़े ट्रक से टकराई गाड़ी, 6 की मौत, 6 गंभीर रूप से घायल इतना ही नहीं संस्था ने पिछले दिनों बहादुरगढ़ शहर की गलियों में घूम रहे आवारा कुत्तों को एंटी रेबीज इंजेक्शन भी लगाए थे, ताकि यह कुत्ते किसी को काटे तो लोगों में बीमारी ना फैले। अब संस्था शहर की गलियों में घूमने वाले कुत्तों की नसबंदी करवाने का कार्यक्रम शुरू करने वाली है। ताकि गलियों में घूमने वाले कुत्तों की आबादी ना बढ़े और उन्हें नारकीय जीवन ना बिताना पड़े। [caption id="attachment_389718" align="aligncenter" width="700"]Stray Dog was about to die of illness, Now reached America बीमारी से मरने वाला था स्ट्रे डॉग, फेसबुक से चमकी किस्मत और पहुंच गया अमेरिका[/caption] दिल्ली से आई एक पशु प्रेमी मोनिका का कहना है कि वह इस संस्था के शुरू होने के बाद करीब 6 बेसहारा बीमार कुत्तों को इलाज के लिए बहादुरगढ़ ला चुकी हैं और यहां पर सभी कुत्तों का मुफ्त इलाज किया गया। ठीक होने के बाद वापस उन कुत्तों को छोड़ दिया गया। बेसहारा पशु पक्षियों की सेवा करके गार्डियंस ऑफ एंजल ट्रस्ट एक मिसाल कायम कर रहा है। एक तरफ जहां हमारे देश में इन बेजुबान की कद्र नहीं हो पा रही। वहीं बाहर के देशों के लोग इन्हें अपना रहे हैं और अपने घरों में भी इन्हें जगह दे रहे हैं। जीव सेवा ही परम सेवा का संदेश देने वाली गार्डियंस ऑफ एंजेल संस्था का अगला लक्ष्य जीव सेवा क्रांति के दौर की शुरुआत करना है। इसके लिए संस्था से जुड़े सदस्य लगातार प्रयासरत हैं। यह भी पढ़ें: हॉलैंड का यह टाउन स्वयं उगाएगा भोजन, वेस्ट का भी करेगा प्रबंधन

---PTC NEWS---

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