उत्तरकाशी हिमस्खलन: टूटती जा रही उम्मीदें, अभी भी 13 लोग लापता...कई घंटों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Uttarkashi Avalanche: उत्तरकाशी के द्रौपदी डांडा-2 में हिमस्खलन के बाद लापता हुए पवर्तारोहियों के दल को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन को 70 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है। इस हादसे में अभी तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। 13 लोग अभी भी लापता है। वायुसेना के चीता हेलिकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। मौसम खराब होने के कारण बीच बीच में रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ रहा है। द्रौपदी डांडा-2 पर बर्फबारी शुरू होने के कारण गुरुवार दोपहर के बाद हवाई रेस्क्यू रोक दिया गया, लेकिन घटना स्थल पर मौजूद टीमें लापता पर्वतारोहियों की तलाश में जुटी हुई हैं। हेलीकाप्टर के जरिए बरामद किए गए शवों को मताली हेलीपैड तक लाने का प्रयास किया जाएगा। गुरुवार से हाई एल्टिट्यूड वॉर फेयर स्कूल गुलमर्ग की टीमें भी फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए मौके पर पहुंच गई थीं। टीम के 15 लोग पहले ही उत्तरकाशी पहुंच चुके थे। ये टीम सेना को भी ग्लेशियर में बचने और रेस्क्यू की ट्रेनिंग देती हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने के लिए घटनास्थल पर हेलिपैड तैयार किया गया है। बता दें कि नेहरु पर्वतारोहण संस्थान (निम) का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर बीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का कोर्स चल रहा था। 4 अक्तूबर को हिमस्खलन में ट्रैकिंग कर रहे पर्वतारोही हिमस्खलन की चपेट में आ गए। पर्वतारोहियों के दल में 34 सदस्य बतौर ट्रेनी शामिल थे। 5 अक्तूबर को 15 लोगों को रेस्क्यू कर हेलिकॉप्टर के जरिए मताली हेलिपैड पर लाया गया था।