कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए आज होगी वोटिंग, गांधी परिवार के करीबी खड़गे दौड़ में आगे...थरूर का चुनावी रिकॉर्ड भी कमाल
Congress President election: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए आज मतदान (voting) होगा। 137 साल के इतिहास आज छठी बार पार्टी के अध्यक्ष पद (Congress President) के लिए मतदान होगा। अध्यक्ष पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच टक्कर होगी। मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच टक्कर होगी। खड़ेगे को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है। ऐसे में उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही है। अधिकतर नेताओं का समर्थन भी उनके साथ दिख रहा है। नामांकन के दौरान भी अधिकतर नेता खड़गे के साथ दिखाई दिए थे। वोटिंग के लिए देश भर में 40 स्थानों पर 68 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इन मतदान केंद्रों पर सुबह 10 से शाम 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे। कुल 9800 मतदाता कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मतदान करेंगे। सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी समेत सीडब्ल्यूसी के सदस्य (CWC Member) कांग्रेस मुख्यालय दिल्ली में बने पोलिंग बूथ में मतदान करेंगे। कर्नाटक में भी एक स्पेशल बूथ बनाया गया है, ताकि भारत जोड़ो यात्रा में शामिल पार्टी से जुड़े लोग मतदान में शामिल हो सकें। राहुल गांधी इस समय भारत जोड़ो यात्रा में कर्नाटक दैरे पर हैं। नामांकन के प्रस्तावक और चुनाव प्रचार में शामिल हुए नेताओं की संख्या पर नजर डालें, तो उसमें थरूर कमजोर नजर आ रहे हैं, लेकिन उनका दावा है कि इस बार गेम पलटेगा। थरूर इस बार परिवर्तन की बात कहते हैं। शशि थरूर कांग्रेस डेलिगेट्स से अंतरआत्मा की आवाज पर वोट डालने के लिए कह रहे हैं। शशि थरूर की यदि जीत होती है तो कांग्रेस की भविष्य की राजनीति हमेशा हमेशा के लिए बदल जाएगी। यदि थरूर हार जाते हैं और एक चौथाई वोट पाने में कामयाब होते हैं तो गांधी परिवार की पकड़ पर एक प्रकार से चोट होगी। शशि थरूर को चुनाव लड़ने का अच्छा खासा अनुभव है। कॉलेज से लेकर अब तक शशि थरूर ने अब तक कुल पांच चुनाव लड़े हैं। 1973 में थरूर ने 17 साल की उम्र में स्टीफन कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। चुनाव जीतने के बाद थरूर का सबसे पहला फैसला था- सेंट स्टीफन के संविधान में संशोधन। इसके तहत स्टूडेंट्स सोसाइटी का नाम बदलकर स्टूडेंट्स यूनियन कर दिया गया था। 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासचिव पद के लिए चुनाव हुआ। थरूर ने बान की मून के खिलाफ चुनाव लड़ा। अमेरिका की वोटो के चलते थरूर चुनाव हार गए। भारत लौटने के बाद थरूर कांग्रेस में शामिल हुए और तीन बार लोकसभा चुनाव मे जीत हासिल की थी। 2009, 2014, 2019 में जीत हासिल की और मनमोहन सरकार में मंत्री पद भी मिला।