हरियाणा में दुर्घटना सहायता योजना बंद, कांग्रेस ने की दोबारा शुरू करने की मांग

By  Arvind Kumar January 8th 2021 10:13 AM -- Updated: January 8th 2021 10:14 AM

चंडीगढ़। हरियाणा के 18 से 60 वर्ष तक के व्यक्तियों को किसी भी प्रकार की दुर्घटना से स्थायी विकलांगता या मृत्यु की स्थिति में परिजनों को एक लाख की आर्थिक सहायता के प्रावधान वाली दुर्घटना सहायता योजना (Accident assistance scheme) को बन्द कर दिया है। सरकार के इस फैसले पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि इससे भाजपा-जजपा सरकार का जन विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है।

Accident assistance scheme हरियाणा में दुर्घटना सहायता योजना बंद, कांग्रेस ने की दोबारा शुरू करने की मांग

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हमारी मांग है की एक अप्रैल 2006 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गयी इस दुर्घटना सहायता योजना को दोबारा शुरू किया जाए ताकि मुश्किल समय में गरीबों और आम जनता को राहत मिल सके।

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सुरजेवाला ने कहा की भाजपा-जजपा सरकार ने जनता के हित में कोई नयी परियोजना शुरू करना तो दूर, बल्कि पहले से चल रही योजना को बंद करने में लगी है। इस दुर्घटना सहायता योजना को बन्द होने से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों और मृत्यु की स्थिति में परिजनों को हरियाणा सरकार की ओर से कोई आर्थिक सहायता नही मिल पाएगी। पहले इस योजना का नाम राजीव गांधी परिवार बीमा योजना था, जिसे वर्तमान सरकार ने भाजपा सरकार ने 1 अप्रैल 2017 को एक अधिसूचना जारी करके राजीव गांधी परिवार बीमा योजना का नाम डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी दुर्घटना सहायता योजना कर दिया था। 31 दिसम्बर, 2020 को हरियाणा के सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट विभाग ने चुपचाप एक अधिसूचना जारी करते हुए कि अब इस दुर्घटना सहायता योजना को 31 मार्च, 2020 से बन्द कर दिया गया है।

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सुरजेवाला ने कहा की भाजपा-जजपा सरकार कोई न कोई गरीब व जन विरोधी विरोधी फैसला करके अपनी गरीब विरोधी नीतियों और सोच को उजागर करती है, ऐसा ही अब दुर्घटना सहायता योजना को बन्द करके किया है। कांग्रेस पार्टी ने इस योजना के माध्यम से गरीबो की सहायता करने का निर्णय लिया था हालांकि भाजपा ने नाम बदला, परन्तु अब इसे बन्द करने का कोई औचित्य नहीं हो सकता। योजनाओं, शहरों व प्रोजेक्ट्स का नाम बदलकर श्रेय लेने में तो भाजपा अग्रणी है लेकिन कोरोना के विपरीत समय में किसी प्रकार की दुर्घटना में ज़रूरतमंद परिवार को मिलने वाली सहायता को बंद करना जन व गरीब विरोधी सोच का परिचायक है।

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