अखिलेश यादव होंगे यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष, सपा विधायक दल की बैठक में हुआ फैसला

By  Vinod Kumar March 26th 2022 03:35 PM

सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) को विधान मंडल और विधायक दल का नेता चुना गया है। विधायक दल का नेता बनाने का प्रस्ताव अवधेश प्रसाद ने रखा और विधान मंडल दल का नेता चुनने का प्रस्ताव लालजी वर्मा ने रखा। अखिलेश को सर्वसम्मति ने नेता चुना गया।

शनिवार को लखनऊ में हुए विधायक दल की बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि नवनिर्वाचित विधायकों और विधान परिषद सदस्यों की बैठक हुई। बैठक में अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता चुना गया है। विधान मंडल दल का नेता अखिलेश यादव ही रहेंगे। सपा के नेताओं ने अखिलेश यादव का स्वागत अभिनंदन किया।

अखिलेश सदन में जनहित के मुद्दों को उठाएंगे और सरकार की ग़लत नीतियों का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की ग़लतियों को उजागर किया जाएगा। उन्होंने शिवपाल को बुलाए जाने के सवाल पर कहा कि सहयोगी दलो की बैठक 28 मार्च को बुलाई गई है। इसमें सभी सहयोगी दलों के विधायकों को बुलाया जाएगा।

Akhilesh-Yadav-elected-as-Leader-of-Opposition-2

आज लखनऊ में होने वाली इस बैठक के लिए बीते कई दिन से कयास लगाए जा रहे थे कि नेता प्रतिपक्ष की कमान कौन संभालेगा। क्योंकि इसमें सबसे आगे शिवपाल यादव का नाम चल रहा था। हालांकि उन्हें इस बैठक में बुलाया भी नहीं गया। इस पर शिवपाल ने कहा कि वह दो दिन से बैठक का इंतजार कर रहे थे, लेकिन मुझे इसकी सूचना तक नहीं दी। मैं सपा का विधायक हूं। अब मैं इटावा जाऊंगा। मैं आगे क्या करने वाला हूं इसकी सूचना जल्द ही दे दी जाएगी।

शिवपाल यादव ने कहा कि सभी विधायकों को फोन कर बैठक में बुलाया गया, लेकिन मुझे पार्टी कार्यालय से कोई सूचना नहीं दी। मैं अब लखनऊ से सीधे इटावा जा रहा हूं। जब मुझे कोई सूचना नहीं दी गई तो मैं बैठक में नहीं जाऊंगा। मैंने समाजवादी पार्टी का प्रचार किया। कुछ जगहों पर मुझे नहीं कहा गया उसके बावजूद मैंने प्रचार किया। उन्होंने कहा कि मुझे कुछ नहीं कहना है अभी कोई फैसला नहीं ले रहा हूं। मैं समाजवादी पार्टी की तरफ से विधायक हूं।

बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव करहल विधानसभा से चुनाव जीते हैं। उन्होंने आजमगढ़ से सांसद के पद से इस्तीफ़ा देकर विधायक बने रहना चुना है। मतलब साफ है कि समाजवादी पार्टी (सपा) भले ही सूबे की सत्ता में वापसी न कर पाई हो, लेकिन विधायकों की संख्या बढ़कर सौ के पार हो गई है. ऐसे में मुख्य विपक्षी दल सपा ही है।

Related Post