नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र पर चर्चा करने के लिए आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में 31 दलों के नेता शामिल हुए हैं। हलांकि पीएम नरेंद्र मोदी इसमे शामिल नहीं हुए हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी ने MSP की मांग को लेकर इस बैठक का बहिष्कार किया है।
संसद सत्र से एक दिन पहले सरकार की तरफ से बुलाई गई इस बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, आनंद शर्मा, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बनर्जी, डेरेक ओब्रायन, डीएमके से टीआर बालू, टी. शिवा और एनसीपी से शरद पवार शामिल हुए। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस की तरफ से सरकार के सामने 10 मुद्दे उठाए गए।
टीएमसी की तरफ से जो मुद्दे उठाए गए वो हैं- बेरोजगारी, ईंधन और आवश्यक चीजों की बढ़ती कीमतें, एमएसपी को लॉ में शामिल करना, कई तरह से संघीय ढांचे को कमजोर किया जाना, लाभकारी पीएसयू में विनिवेश को रोका जाना, बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र, पेगासस का मुद्दा, कोरोना की स्थिति, महिला आरक्षण बिल और डू नोट बुलडोज बिल्स (स्क्रूटनाइज बिल्स)।
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करते हुए बाहर निकल गए। संजय सिंह का आरोप था कि उन्हें न तो संसद में बोलने दिया जाता और ना ही सर्वदलीय बैठक में बोलने दिया जाता है। संजय सिंह ने कहा कि सरकार ने सर्वदलीय बैठक के दौरान उन्हें नहीं बोलने दिया। वो सत्र के दौरान एमएसपी गारंटी को कानून के तौर पर लाने और बीएसएफ अधिकार क्षेत्र के मुद्दे को संसद सत्र में लाने का मुद्दा उठा रहे थे, लेकिन, उन्हें बैठक में बोलने नहीं दिया गया। सरकार जिन्ना जिन्ना कर रही है जबकि किसान गन्ना गन्ना कर रहे हैं और आप मानने को तैयार नहीं है।