कर्नाटक हिजाब विवाद मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में सुनवाई हुई। हिजाब विवाद पर दोनों जजों ने अलग अलग राय दी है। इसके बाद विवाद को सुनवाई के लिए तीन जजों की बेंच के पास भेज दिया गया।
वहीं, हिजाब के मामले पर राजनेताओं की राय अलग अलग बंटी हुई है। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने हिजाब का समर्थन करने वालों को खरी खोटी सुनाई है। विज ने कहा कि जिन पुरुषों का महिलाओ को देखकर मन मचलता था उन्होंने ही महिलाओं को हिजाब डालने के लिए मजबूर किया। आवश्यकता तो अपने मन को मजबूत करने की थी, लेकिन सजा महिलाओं को दी गई उनको सिर से लेकर पांव तक ढक दिया। यह सरासर नाइंसाफी हैं। पुरुष अपना मन मजबूत करे और महिलाओ को हिजाब से मुक्ति दें।
वहीं, सपा सांसद शफीकुर्रहमान ने हिजाब पर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, 'अगर हिजाब हटाया जाएगा, तो लड़कियां बेपर्दा होकर घूमेंगी और इससे आवारगी बढ़ेगी और हालात बिगड़ेंगे। सारा माहौल बीजेपी का बिगाड़ा हुआ है।' ये पहला मौका नहीं जब शफीकुर्रहमान ने हिजाब मामले पर कुछ उटपटंग बयान दिया हो। इससे पहले उन्होंने कहा था, 'बच्चियों पर नियंत्रण के लिए हिजाब जरूरी है। इस्लाम कहता है जब बच्ची बड़ी होने लगे, जवान होने लगे तो उसे हिजाब में रहना चाहिए।'
बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में शामिल जस्टिस हेमंत गुप्ता ने मामले की सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं को रद्द कर दिया। वहीं, जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को गलत मानते हुए रद्द कर दिया। इससे पहले 10 दिन तक मामले की सुनवाई के बाद बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुधांशु धूलिया ने इस मामले पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को गलत ठहराते हुए कहा कि हिजाब पहनना या ना पहनना पसंद का विषय है। लड़कियों के लिए शिक्षा को जरूरी ठहराते हुए उन्होंने हिजाब पर लगे प्रतिबंध को हटाने का आदेश दिया। वहीं, हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट में दायर सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया।
इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद पर सुनवाई करते हुए सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि शिक्षण संस्थानों में यूनिफॉर्म पहनना अनिवार्य करना आवश्यक है।