चंडीगढ़: राजस्थान में कांग्रेस (Rajasthan congress) सियासी घमासान को रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। ये घमासान लंबे समय से चल रहा है। सचिन पायलट (Sachin Pilotऔर सीएम अशोक गहलोत (CM ashok gehlot) की तकरार कोई नई नहीं है।
शनिवार को अशोक गहलोत के सभी मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।इसके बाद आज सीएम अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल (ashok gehlot cabinet) में बड़ा फेरबदल हो रहा है। इस फेरबदल से राजस्थान कांग्रेस जातीय, क्षेत्रीय और कांग्रेस पार्टी के अंदर चल रही अंदरूनी खींचतान को साधने की कोशिश की जा रही है।
शेयरिंग फॉर्मूला से पायलट खेमे के विधायकों को भी नई कैबिनेट में जगह मिली है, जबकि पायलट के नजदीकी विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा की फिर से मंत्रिमंडल में एंट्री हुई है।मंत्रिमंडल में तीन दलित मंत्रियों भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली ममता भूपेश को राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री बना दिया है। अब कैबिनेट में गोविंद मेघवाल को मिलाकर चार दलित चेहरे हो गए हैं। गहलोत ने दो पद वाले 3 मंत्रियों को छोड़ किसी को ड्रॉप नहीं किया है, साथ ही 11 नए कैबिनेट मंत्री और 4 राज्य मंत्री बनाए गए हैं।
इस फेरबदल में कांग्रेस ने अपने कोर वोट बैंक पर खासा जोर दिया है। जाट नेता के तौर पर रामलाल जाट को मौका दिया गया है। जाट ने अपनी करियर की शुरुआत कांस्टेबल से की थी। अब वे सीएम के सबसे खास माने जाते हैं।
हेमाराम चौधरी आज शपथ लेने वाले मंत्रियों में सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। वो 6 बार के विधायक हैं। सबसे पहले आज हेमाराम ही मंत्री पद की शपथ लेंगे।
हेमाराम से जातीय, क्षेत्रीय समीकरण साधे गए हैं। हरीश चौधरी की जगह बाड़मेर से हेमाराम चौधरी को कैबिनेट में जगह दी गई है। हेमाराम सचिन पायलट खेमे से हैं। वो पिछले कार्यकाल में राजस्व मंत्री थे। इस बार उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था। शुरू से नाराज थे। इस साल मई में उन्होंने नाराज होकर विधायक पद ही छो़ड़ दिया था। इस पर स्पीकर ने फैसला लंबित रखा था।
महेंद्रजीत सिंह, रामलाल जाट को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। महेश जोशी को सरकारी मुख्य सचेतक से प्रमोट कर कैबिनेट मंत्री बनाया जा रहा है। रघु शर्मा के मंत्री पद से हटने के बाद महेश जोशी को ब्राह्मण चेहरे के विकल्प के तौर पर जगह दी गई है। जोशी को मुख्यमंत्री गहलोत का नजदीकी और विश्वसनीय माना जाता है।
ममता भूपेश को महिला बाल विकास राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। उन्हें प्रमोट कर दौसा जिले में सियासी समीकरण साधे हैं और बैरवा समाज को संदेश देने की कोशिश की है। गोविंद मेघवाल को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। गोविंद मेघवाल के जरिए बीकानेर, चूरू, गंगानगर हनुमानगढ के बड़े दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश की गई है। इन जिलों में दलित वर्ग बड़ा वोट बैंक है। गोविंद मेघवाल पहले बीजेपी में थे। वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल में संसदीय सचिव रहे थे। बाद में बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आ गए। कांग्रेस को उम्मीद है कि इस सियासी बिसात को बिछाकर वो पार्टी में चल रहे घमासान को रोकने के साथ ही अपने कोर वोट बैंक को भी साधने में सफल होंगे।