देश की सबसे युवा राष्ट्रपति होंगी मुर्मू, जानिए उनके जीवन की संघर्ष की कहानी

By  Vinod Kumar July 22nd 2022 10:47 AM

शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे जारी कर दिए गए। चुनाव परिणाम एनडीए उम्मीदावर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में रहे। द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति और आदिवासी मूल की प्रथम राष्ट्रपति हैं। 25 जुलाई को उनका शपथ ग्रहण होगा। द्रौपदी मुर्मू अब तक सबसे युवा राष्ट्रपति होंगी।

द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक से लेकर भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने तक का सफर द्रौपदी मुर्मू के लिए बेहद लंबा और कठिन था।

20 जून 1958 को झारखंड के संथाल समुदाय में मुर्मू का जन्म हुआ था। जन्म के साथ ही उनका संघर्ष शुरू हो गया था। मुर्मू ने गरीबी से लड़ते हुए भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से आर्टस स्ट्री में बीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद ओडिशा के सिंचाई और बिजली विभाग में एक कनिष्ठ सहायक के रूप में अपनी नौकरी शुरू की थी। साल 1979 से 1983 तक उन्होंने अपनी सेवाएं दीं।

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कुछ समय बाद वो 1997 में बीजेपी में शामिल हुईं। बीजेपी की ओडिशा इकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष बनीं। मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में एक पार्षद के रूप में अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी। साल 2000 में पहली बार विधायक बनीं और फिर भाजपा-बीजेडी सरकार में दो बार मंत्री रहीं।

दो बार विधायक रहीं मुर्मू ने 2009 में तब भी अपनी विधानसभा सीट पर कब्जा जमाया था, जब बीजद ने राज्य के चुनावों से कुछ हफ्ते पहले भाजपा से नाता तोड़ लिया था। 2015 में उन्हें झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनीं। मुर्मू को 2007 में ओडिशा विधानसभा ने सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार देकर सम्मानित किया था। उन्होंने ओड़िशा में परिवहन, वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन जैसे मंत्रालयों को संभाला है।

मुर्मू का व्यक्तिगत जीवन त्रासदियों से भरा रहा है। मुर्मू श्याम चरण मुर्मू से शादी के बंधन में बंधी थीं। मुर्मी दंपती के तीन बच्चे, दो बेटे और एक बेटी हुईं, लेकिन वो अपने पति और दोनों बेटों को खो चुकी हैं। उनकी बेटी इतिश्री का विवाह गणेश हेम्ब्रम से हुआ है।

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