शिमला। हिमाचल सरकार ने तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है। लेकिन मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का कहना है कि ये 3 वर्ष नहीं बल्कि 2 वर्ष का ही कार्यकाल रहा है क्योंकि एक साल कारोना में बीता है। बाबजूद इसके सरकार ने हिमाचल में विकास को आगे बढ़ाया। जय राम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने बदले की भावना की राजनीति को ख़त्म किया। जनमंच जैसे कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में 91000 शिकायतें आईं जिनमें से 78000 शिकायतों का निबटारा किया गया।
जयराम बोले- सरकार ने करवाए करोड़ों के काम, केंद्र से मिल रही भरपूर मदद
जय राम ठाकुर ने बताया कि आयुष्मान योजना से छूटे 1 लाख 25 हज़ार लोगों को हिमकेअर में शामिल किया और जरूरतमंदों के ईलाज पर 121 करोड़ ख़र्च किए गए। बिस्तर पर पड़े मरीजों के लिए सहारा योजना पर 13 करोड़ खर्च किया तो गृहिणी सुविधा योजना के तहत 2 लाख 90 हज़ार गैस के कनेक्शन दिए गए। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में रोजगार के लिए 25 फीसदी अनुदान दिया गया। नई मंज़िले नई राहें के तहत पर्यटन क्षेत्रों को विकसित किया जा रहा है।
जयराम बोले- सरकार ने करवाए करोड़ों के काम, केंद्र से मिल रही भरपूर मदद
96000 करोड़ की गोलाबल इंवेस्टरमीट की जिसमें से 35 से 40 हज़ार करोड़ की इन्वेस्टमेंट हो रही है। मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना में 80 फ़ीसदी अनुदान दिया जा रहा है। बाबजूद इसके विपक्ष तथ्यहीन बयानबाज़ी कर रहा है। जो विपक्ष के नेता भाजपा सरकार के कार्यकाल पर सवाल उठा रहे है उन्हें याद रखना चाहिए कि हरोली में 400 करोड़ के शिलान्यास व उद्धघाटन, शिमला ग्रामीण में 100 करोड़ व अर्की में 103 करोड़ के उद्धघाटन व शिलान्यास किए।
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जयराम बोले- सरकार ने करवाए करोड़ों के काम, केंद्र से मिल रही भरपूर मदद
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कर्ज़ पर कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति बिगाड़ी। सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में 4000 करोड़ का कर्ज लिया। पिछली सरकार के लिए ऋण का 7 हज़ार से ज्यादा का व्याज चुकाया। जो 50 फीसदी से ज्यादा घाटा था उसको कम करके 11 फ़ीसदी तक लाया है। केंद्र से भरपूर मदद मिल रही है। जो कांग्रेस 50 साल में 50 वेंटिलेटर प्रदेश के अस्पतालों में नही ला सकी आज उन अस्पताल में 700 से ज़्यादा वेंटिलेटर हैं। सरकार ने कारोना काल हर वह काम किया जो किया जा सकता था।
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विपक्ष सरकार पर कारोना काल में फेल होने का आरोप लगा रहा है। यदि विपक्ष के पास कारोना से लड़ने की कोई योजना है तो बताए हमें नहीं बताना है तो अपने राज्य की कांग्रेसी सरकारों को बताएं ताकि उसी तरह से कारोना से निपट सकें। सत्र को लेकर सवाल उठाने वाला विपक्ष ये समझ ले कि कोविड19 में भी हिमाचल में 10 दिन का मॉनसून सत्र करवाया। शीतकालीन सत्र को न करवाने का मक़सद प्रदेश में कारोना के बढ़ते मामलों को रोकना था। कांग्रेस पहले अपने इतिहास देख ले फ़िर सरकार पर आरोप लगाए।