खट्टर बोले- प्रदेश में जल संकट की स्थिति गंभीर, सरकार उठा रही कदम

By  Arvind Kumar May 21st 2019 05:49 PM -- Updated: May 21st 2019 05:50 PM

चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को हरियाणा निवास पर प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि चुनाव आयोग की अनुमति से प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जलसंकट की स्थिति पर सरकार गम्भीर है, उन्होंने कहा कि लगातार जल संकट गहरा रहा है।

सीएम ने कहा कि धान की खेती को हतोत्साहित करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा गर्म प्रदेश, समुन्द्र से दूर, वर्षा अपर्याप्त है। हरियाणा के लिए कोई सीधी नदी नहीं, यमुना सीमावर्ती नदी है। पानी को लेकर दिल्ली का भी दबाव रहता है। इसे हम मानवता के नाते निभाते आये हैं।

खट्टर ने कहा कि एसवाईएल का विषय भी गम्भीर, लखवार, किसाऊ, रेणुका बांध को लेकर भी लगातार गम्भीर है। भूजल स्तर गिरने से स्थिति बिगड़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आधे जिले डार्क जोन की ओर बढ़ रहे हैं, 9 जिलों में जल दोहन अधिक हैं। हमारी जमीन में 74 प्रतिशत जलनिकास अलग-अलग माध्यमों से हुआ।

CM Khattar PC चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर

धान के विकल्प के तौर पर पायलेट योजना 7 जिलों के 7 खण्डों के लिए बनाई गई है। अभी इनमें 1.95 लाख हेक्टेयर धान से 50 हजार हेक्टेयर में मक्का, अरहर की खेती में शिफ्ट करने की योजना तैयार की गई। इस क्षेत्र में जो धान की खेती नहीं करेंगे उन्हें 2 हजार रुपए एकड़ देंगे, मक्का का उच्च गुणवत्ता का बीज दिया जाएगा।

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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान का 2 प्रतिशत भी सरकार देगी, जो 766 रुपए प्रति एकड़ मक्का, अरहर की एमएसपी पर सरकार खरीद करेगी। अभी 22 हजार हेक्टेयर में उत्पादन हो रहा है मक्का। मक्का फसल की अवधि 100 दिन, धान की 130 दिन, इससे गेंहू जल्दी बुवाई के लिए समय मिलेगा।

सीएम ने कहा कि मक्का के अवशेष काम आएगा, पराली की तरह चिंता का विषय नहीं। अटेरना, मनौली में फसल विविधीकरण के बड़े उदाहरण बने हैं। एक किलोग्राम चावल उगाने के लिए 3000 से 3500 लीटर पानी की खपत, मक्का की खेती में प्रति हेक्टेयर एक लाख लीटर पानी की बचत होगी।

हरियाणा में तालाब प्राधिकरण, जिसमें 14 हजार तालाबों के सुधारीकरण के लिए योजना है। 3 हजार तालाब को थ्री पाण्ड, फाइव पाण्ड सिस्टम के दायरे में लाया गया। एनजीटी ने भी हरियाणा के इन प्रयासों को सराहा है।

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—-PTC NEWS—

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