चंडीगढ़। कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा व रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार की नादरशाही अब सब हदें पार कर गई है। 9 मई, 2020 को एक ‘हिटलरशाही हुक्मनामा’ जारी कर खट्टर सरकार ने रतिया (जिला फतेहाबाद), सिरसा (जिला सिरसा), गुहला चीका - सीवन (जिला कैथल), शाहबाद - बबैन - इस्माईलाबाद - पीपली (जिला कुरुक्षेत्र) में धान की खेती पर पाबंदी लगा दी है। अब उपरोक्त 8 ब्लॉक्स में किसान की व्यक्तिगत मल्कियत वाली 4,44,659 एकड़ भूमि में धान लगाने पर रोक लगा दी गई है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि 25 मई को रतिया के हजारों किसान सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ ‘धानबंदी की नादरशाही’ के खिलाफ संघर्ष व विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री, दुष्यंत चौटाला ने सरेआम झूठ बोलकर उन्हें बरगलाया व कहा कि निजी भूमि पर धान लगाने का कोई प्रतिबंध नहीं है। पर यह प्रतिबंध तो रतिया से शुरू कर पीपली तक उनकी खुद की सरकार द्वारा 9 मई, 2020 को लगाया गया है। किसानों को बरगलाने व गुमराह करने की खट्टर-चौटाला सरकार की साजिश साफ है। दरअसल कांग्रेस नेताओं ने आज डीसी कार्यालय फतेहाबाद के सामने सांकेतिक धरना दिया और साथ ही ज्ञापन भी सौंपा। कांग्रेस ने सरकार के सामने कुछ मांगे रखी हैं, जो इस प्रकार हैं।
कांग्रेस की मांगें:-
1.9 मई, 2020 का धान की खेती पर पाबंदी लगाने वाला हिटलरशाही हुक्मनामा फौरन खारिज हो।
2.खट्टर सरकार का पंचायती जमीन पर धान की खेती पर रोक लगाने वाला किसान विरोधी आदेश फौरन वापस करे।
3.किसान के 50bhp की मोटर वाले ट्यूबवेल कनेक्शन काटने का आदेश फौरन खारिज किया जाए।
4.किसान की सब्सिडी वापस लेने व अन्नदाता किसान को परेशान करने वाले भिन्न भिन्न आदेश फौरन वापस हों।
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