अंतिम संस्कार के लिए गहराया लकड़ी का संकट, वन विभाग करवाएगा मुहैया

By  Arvind Kumar May 12th 2021 10:03 AM -- Updated: May 12th 2021 10:05 AM

चंडीगढ़। कोरोना की दूसरी लहर में जिंदगियों की सांसें थमने का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। पिछले 10 दिनों से हर रोज प्रदेश में 150 से ज्यादा कोरोना संक्रमितों की मौत हो रही हैं। एकाएक मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने से शमशान घाटों में लकड़ी का संकट गहराना शुरू हो गया है। लकड़ी के संकट से निजात दिलाने के लिए वन विभाग ने सहयोग का कदम बढ़ाया है। वन मंत्री की ओर से प्रदेश की सभी नगर निगम, परिषद व पालिकों से लकड़ियों (बालन) की डिमांड मांगी है।

प्रदेश में अभी तक कोरोना से पिछले एक महीने की अवधि के दौरान 2575 लोगों की मौत हुई है। एक महीने में इतनी बड़ी तादाद में मौतें होने से प्रदेश के शमशान घाटों में अंतिम संस्कार करने की व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमा गई हैं। कई जगह लकड़ियों की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है तो कई जगह अंतिम संस्कार के निर्धारित राशि से ज्यादा पैसे लेने के मामले भी सामने आए हैं।

यह भी पढ़ें- “5G का कोरोना से कोई संबंध नहीं, अफवाहों पर ना दें"

यह भी पढ़ें-  हरियाणा: कोरोना महामारी के बीच मिल रहा मुफ्त राशन

मगर सबसे ज्यादा संकट लकड़ियों का बना हुआ है। लकड़ियों की आपूर्ति पूरी करने के लिए वन विभाग की ओर से प्रदेश की सभी पालिकाओं के अंतर्गत आने वाले शमशान घाटों में लकड़ी आपूर्ति की डिमांड मांगी गई है। प्रदेश भर से 13 हजार 950 क्विंटल लकड़ी की डिमांड आई है, जिसमें से एक हजार 618 क्विंटल लकड़ी मुहैया भी करवा दी गई हैं।

शिक्षा एवं वन मंत्री कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि प्रदेश में हो रही मौत चिंताजनक हैं। कुछ जगहों पर लकड़ी किल्लत के मामले सामने आए हैं। वन विभाग की ओर से अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी मुहैया करवाई जाएंगी। विभाग के पास लकड़ी (बालन) पर्याप्त मात्रा हैं। कुछ स्थानों पर अंतिम संस्कार के लिए इलेक्ट्रिक व गैस संचालित मशीने भी लगाई हैं, लेकिन लोगों की धारणा अंतिम संस्कार की ही बनी हुई है। इसी धारणा को देखते हुए वन विभाग की ओर से प्रदेश में हर जगह लकड़ी मुहैया करवाई जाएगी।

Related Post