दीपेंद्र हुड्डा बोले- पूरे देश में 2 हफ्ते के लॉकडाउन पर विचार करे सरकार
Arvind Kumar
May 4th 2021 09:11 AM --
Updated:
May 4th 2021 09:15 AM
चंडीगढ़। राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि देश भर में हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन और दवाईयों की घोर किल्लत से कोरोना बहुत तेजी से फैलता जा रहा है। सरकार लोगों को हॉस्पिटल में बेड, ऑक्सीजन और दवाईयों आदि को मुहैया करा पाने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। कोरोना के निरंतर बढ़ते हुए हमले को देखते हुए इसकी चेन को तोड़ने का अब एक ही विकल्प बचा है कि देश भर में पूर्ण लॉकडाउन जैसा कठोर कदम उठाया जाए। सरकार को पूरे देश में 2 हफ़्तों के लॉकडाउन के बारे में विचार करना चाहिए ताकि, संक्रमण की रफ़्तार पर ब्रेक लगे। साथ ही, लॉक डाउन के दौरान सरकार समयबद्ध तरीके से योजना बनाकर आक्सीजन,दवा, ICU आदि जरूरी संसाधन जुटाए।
दीपेंद्र ने देश भर में ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए कहा कि लगभग हर रोज़ कहीं न कहीं से ऑक्सीजन की कमी के चलते अस्पतालों में भर्ती मरीजों के दम तोड़ने की दर्दनाक ख़बरें सामने आ रही हैं। सरकार मीडिया में तो भरपूर ऑक्सीजन होने का दावा करती है लेकिन जमीनी हालात बिल्कुल विपरीत हैं। आखिर गलतबयानी क्यों कर रही है सरकार? उन्होंने कहा कि कोरोना से मृत्यु होना एक बात है लेकिन ऑक्सीजन, दवा की कमी से मरीजों का तड़पना, और जनता को भगवान भरोसे छोड़ना सही नही है।
उन्होंने कहा कि ये समय राजनीति से ऊपर उठकर और एकजुट होकर कोरोना से लड़ाई लड़ने का है। तेज गति से फैल रहे कोरोना वायरस को रोक पाने में नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन विफल साबित हुए हैं। ऐसे में अब देशव्यापी स्तर पर पूर्ण लॉकडाउन से ही कोरोना के फैलाव पर काबू पाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया और अमेरिका के टॉप एपिडेमियोलॉजिस्ट में से एक डॉक्टर एंथनी फाउची ने भी अपने सुझाव में कहा है कि जिस तरह से कोरोना की दूसरी लहर के थमने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं, उस स्थिति में कुछ हफ्तों का लॉकडाउन लगाकर कोरोना संक्रमण की रफ़्तार पर काबू पाया जा सकता है।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि कोरोना से स्थिति बेहद गम्भीर है। वो खुद अपनी टीम के साथ लोगों को हॉस्पिटल बेड, ऑक्सीजन, प्लाज्मा, दवाई, भोजन जैसी मदद पहुंचाने की भरसक कोशिशें कर रहे हैं। लेकिन सीमित संसाधन होने के कारण लाख कोशिश करने पर भी सबकी मदद करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि फिर भी लोगों को इस महाविपत्ति से निकालना है और संकट की इस घड़ी में एक दूसरे का हाथ पकड़ कर ही निकला जा सकता है।