ख़रीद केंद्रों पर अव्यवस्था और अनाज की बेकद्री पर दीपेंद्र हुड्डा ने जताई गंभीर चिंता

By  Arvind Kumar April 27th 2020 09:05 AM

नई दिल्ली। राज्यसभा के नवनिर्वाचित सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने मंडियों और ख़रीद केंद्रों में सरकार की तरफ़ से की गई व्यवस्था को नाकाफ़ी बताया है। दीपेंद्र का कहना है कि बार-बार आगाह करने के बावजूद सरकार ने अनाज ख़रीदने के लिए ज़रूरी बंदोबस्त नहीं किए। इसीलिए ना तो सरसों की ख़रीद ढंग सो पाई और ना ही गेहूं की ख़रीद बेहतर तरीके से हो पा रही है। ऊपर से बारिश किसान के ज़ख्मों पर नमक का काम कर रही है। ख़रीद केंद्रों पर गेहूं रखने की व्यवस्था और तिरपाल की कमी के चलते बार-बार किसान का अनाज भीग रहा है। कई जगह अनाज कच्ची ज़मीन पर रेत में रखा जा रहा है तो कई जगह खुले आसमान के नीचे बारिश में। अनाज की बेकद्री की ख़बरें परेशान करने वाली हैं।

दीपेंद्र ने कहा कि गेहूं की आवक के हिसाब से ना तो उसकी ख़रीद हो रही है और ना ही उठान हो रहा है। किसान को अपनी फसल बेचने के लिए बार-बार आना पड़ता है। इससे किसान पर ट्रांसपोर्ट की ज़्यादा मार पड़ती है। सोशल डिस्डेंसिंग को निभा पाना भी मुश्किल हो रहा है। जो किसान अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए, उन्हें सबसे ज़्यादा दिक्कत पेश आ रही है। किसानों का कहना है कि गेहूं पैदा करने में 6 महीने में उन्हें इतनी परेशानी नहीं हुई, जितनी बेचने में हो रही है।

Deependra Hooda expresses serious concern over disarray in procurement centers and grain disbursement ख़रीद केंद्रों पर अव्यवस्था और अनाज की बेकद्री पर दीपेंद्र हुड्डा ने जताई गंभीर चिंता

इसलिए दीपेंद्र ने अपनी मांगों को दोहराया है। उन्होंने कहा कि सरकार गैर-पंजीकृत किसानों के लिए मौक़े पर रेजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करे। ख़रीद और उठान में किसी तरह की देरी ना की जाए। ज़रूरत के मुताबिक बारदाने और तिरपाल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। गेहूं की आवक ज़ोरों पर है, इसलिए ज़रूरी है कि उसके मुताबिक ही व्यवस्था की जाए।

---PTC NEWS---

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