अशोक तंवर आए दुष्यंत के साथ, जेजेपी को समर्थन देने की घोषणा

By  Arvind Kumar October 16th 2019 06:28 PM

नई दिल्ली/चंडीगढ़। विधानसभा के लिए मतदान से ठीक पांच दिन पहले प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे व वरिष्ठ नेता डॉ. अशोक तंवर ने अपने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ JJP के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला की जेजेपी को सर्मथन देने घोषणा की है। उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला प्रदेश में 36 बिरादरी को साथ लेकर चल रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए मेरा पूरा समर्थन उनके साथ है। यह घोषणा डॉ. अशोक तंवर ने यहां नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में की। पत्रकार वार्ता में जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला भी मौजूद थे। अशोक तंवर ने प्रदेशवासियों से अपील की कि आज जिस तरह से प्रदेश के हालात खाराब हो रहे है, उन्हें बदलने के लिए 36 बिरादरी एक होकर मजबूती के साथ जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला को मुख्यमंत्री बनाने का काम करे।

Tanwar 1 अशोक तंवर आए दुष्यंत के साथ, जेजेपी को समर्थन देने की घोषणा (File Photo)

पांच साल तक कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और सिरसा से सांसद रहे डॉ. अशोक तंवर द्वारा कुछ रोज पहले कांग्रेस छोड़ दी थी। तंवर व उनके समर्थकों द्वारा बुधवार को विधानसभा चुनावों में जेजेपी को समर्थन देने की घोषणा से एक ओर जहां हरियाणा की राजनीति में नए चुनावी समीकरण बन गए हैं वहीं दूसरी ओर दुष्यंत और अशोक तंवर की सियासी जुगलबंदी ने कांग्रेस व भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है।

हरियाणा में 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान से ठीक पांच दिन पहले प्रदेश की सियासत में आए इस नए मोड़ ने प्रदेश की चुनाव के समीकरण एक बार फिर बदल दिए हैं। बरसों तक कांग्रेस से जुड़े रहे डॉ. अशोक तंवर हरियाणा में जमीन से जुड़े नेता हैं और उन्होंने कड़ी मेहनत करके प्रदेश के हर हलके गांव कस्बे में अपना रसूख बनाया और वे कार्यकर्ताओं को अपने साथ जोड़ने में कामयाब रहे।

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विधानसभा चुनावों का बिगुल बजने के बाद जनता के अभूतपूर्व समर्थन के चलते जेजेपी सत्ता की दौड़ में शामिल हो गई थी और अब राहुल गांधी के नजदीकियों में गिने जाने वाले अशोक तंवर के दुष्यंत के साथ खड़े हो जाने से जेजेपी के हाथ सत्ता की चाबी लगती दिख रही है!

दुष्यंत चौटाला और डॉ. अशोक तंवर की जुगलबंदी चुनाव में उतरी राजनैतिक पार्टियों के लिए सिर दर्द बन सकती हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई है कि दो युवा नेताओं के बीच की यह पॉलिटिकल केमिस्ट्री सत्तारूढ़ दल को पछाड़ कर सत्ता के शिखर पर जेजेपी को विराजमान कर दे तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी!

---PTC NEWS---

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