भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू, कहा: मेरे निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शमिल

By  Vinod Kumar July 25th 2022 10:40 AM -- Updated: July 25th 2022 02:59 PM

दिल्ली: द्रौपदी मुर्मू ने आज देश के 15वें राष्ट्रपति के तौर पर आज शपथ ली। द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला और भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की रहने वाली हैं। वे इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रही हैं।

शपथ ग्रहण से पहले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज सुबह पहले राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रंद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक औपचारिक जुलूस में संसद भवन पहुंचे।


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण में कहा, 'मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आजाद भारत में हुआ है। हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं उन्हें पूरा करने के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है। इन 25 वर्षों में अमृतकाल की सिद्धि का रास्ता दो पटरियों पर आगे बढ़ेगा वो है सबका प्रयास और सबका कर्तव्य है'।


राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है। मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े तथा आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं।


द्रोपदी मुर्मू ने कहा, मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा। ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है। 

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