चंडीगढ़। अचानक आई बारिश ने सरकार के सभी दावे फेल कर दिए! अनाज मण्डी में पड़ी लाखों बोरी गेहूं उठान न होने के कारण बारिश में भीग गई! इस मुद्दे पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर-दुष्यंत चौटाला सरकार प्रदेश के इतिहास की सबसे किसान विरोधी सरकार साबित हुई है। गेहूँ व सरसों खरीद में किसान-आढ़ती-मजदूर की आए दिन हो रही दुर्गति तथा बेइंतजामी भाजपा-जजपा सरकार के निकम्मेपन का जीता जागता सबूत है। कल रात से पूरे उत्तरी हरियाणा व अधिकांश हरियाणा में हो रही बारिश ने धरतीपुत्र किसान का पीला सोना यानि गेहूँ पानी में बहा दिया तथा खट्टर सरकार के दावों की सारी पोल खोल दी।
अनाज मंडी, करनाल, निसिंग, जुंडला, निगदू, घरौंडा, असंध, निलोखेड़ी, कैथल, गुला चीका, पुंडरी, पाई, ढाँड, इस्माईलाबाद, शाहबाद, पेहवा, झांसा, बिलासपुर, जगाधरी, यमुना नगर, रोहतक में भारी बारिश से लाखों क्विंटल गेहूँ न केवल गीली हो गई, परंतु सरकार की गैरइंतजामी के चलते किसान-आढ़ती बर्बादी की कगार पर आ खड़ा हुआ है। सुरजेवाला ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री, मनोहर लाल खट्टर के जिले करनाल में बदहाली का आलम है तथा सभी मंडियों व पर्चेज़ सेंटर्स में किसान व आढ़ती की दुर्दशा सुनने वाला कोई नहीं। एक तरफ आज तक भी वेब पोर्टल सुचारु रूप से नहीं चल रहा, तो दूसरी तरफ आज भी किसान को डायरेक्ट पेमेंट की शर्तों को लेकर आढ़तियों और सरकार में सहमति नहीं बन पाई है। ऊपर से 12 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर किसान की फसल को खरीदने से इंकार किया जा रहा है।
सुरजेवाला के मुताबिक सरकार ने 24 घंटे में उठान का वादा किया था, परंतु 4-5 दिन से गेहूँ मंडियों में पड़ा है तथा सरकार द्वारा बोली करवा गेहूँ नहीं खरीदी जा रही। अब जिन किसानों व आढ़तियों की लाखों क्विंटल गेहूं मंडियों, खरीद केंद्रों व खेतों में बारिश से भीग गई है, वो उस नुकसान की भरपाई कैसे करेंगे? साथ साथ न बारदाना है, न सिलाई का इंतजाम, न ढुलाई की व्यवस्था और न ही मंडी में पड़ी गेहूँ को तरपाल से ढंकने का कोई इंतजाम। ऐसे में किसान व आढ़ती करे तो क्या करे?
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