नई दिल्ली: कांग्रेस पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर दिल्ली में ममता बनर्जी की मौजूदगी में टीएमसी पार्टी में शामिल हो गए हैं। अशोक तंवर 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी से अलग हो गए थे।
अब अशोक तंवर ने टीएमसी के साथ मिलकर अपनी राजनीतिक पारी शुरू की है। अशोक तंवर की ये नई पारी कितनी लंबी रहती है ये आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन अशोक तंवर की कांग्रेस में रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ हमेशा अनबन ही रही है। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में पार्टी में टिकट वितरण को लेकर अशोक तंवर की भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ अनबन हो गई थी। तंवर अपने समर्थकों की टिकट कटने से नाराज थे। इसके बाद अशोक तंवर ने हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पद से त्यागपत्र दे दिया और पार्टी भी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस के खिलाफ प्रचार किया था।
2003 में अशोक तंवर एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के साथ अपने राजनीतिक करियार की शुरुआत की थी। इसके बाद वो यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने 2009 में सिरसा से सांसद बने 2014 में इनेलों उम्मीदवार के हाथों विधानसभा का चुनाव हार गए थे।
वहीं, पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने कांग्रेस का दामन भी छोड़ दिया है। कीर्ति आजाद अब टीएमसी में शामिल हो गए हैं। इससे पहले कीर्ति आजाद बीजेपी में थे।
टीएमसी ने गोवा, यूपी, त्रिपुरा समेत कई राज्यों में कांग्रेस नेताओं को तोड़ा
हालांकि बंगाल से बाहर देश के अन्य हिस्सों में विस्तार की कोशिशों में जुटी टीएमसी के लिए अशोक तंवर फायदेमंद साबित हो सकते हैं। बंगाल में बीजेपी को हराने के बाद से टीएमसी की महत्वाकांक्षाएं बढ़ गई हैं और अब वह त्रिपुरा, गोवा, बिहार, यूपी समेत कई राज्यों में विस्तार में जुटी है। हाल ही में उसने पूर्व रेल मंत्री और दिग्गज कांग्रेसी रहे कमलापति त्रिपाठी के बेटे और पोते को भी शामिल किया था।