अनिल विज ने पंजाब सरकार को कहा बच्चा पार्टी...इनके मुंह के दांत भी नहीं टूटे, इन्हे मुद्दों की समझ नहीं

By  Vinod Kumar April 2nd 2022 01:45 PM -- Updated: April 5th 2022 05:35 PM

चंडीगढ़ के मुद्दे पर पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव पर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने निशाना साधा है। विज ने कहा कि पंजाब में जो सरकार आई है ये 'बच्चा पार्टी' है इन्हें मुद्दों की पूरी जानकारी नहीं है। चंडीगढ़ का मुद्दा है लेकिन वह अकेला मुद्दा नहीं है उसके साथ एसवाईएल का मुद्दा है, हिंदी भाषी क्षेत्र के मुद्दे हैं तो इन सबका फैसला होगा किसी एक का नहीं। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज (Minister Anil Vij) ने आम आदमी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि अभी पंजाब सरकार के दूध के दांत भी नहीं टूटे हैं। अन्ना हज़ारे के आंदोलन में कहीं भी यह एजेंडा नहीं था कि राजनीतिक पार्टी बनाई जाएगी। आम आदमी पार्टी का जन्म धोखे से हुआ है। इन्होंने राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं रख कर उनके आंदोलन की आड़ में अपने संगठन का निर्माण कर लिया। [caption id="attachment_607716" align="alignnone" width="700"]Anil Vij, Aam Aadmi Party, Punjab, haryana, congress फाइल फोटो[/caption] दरअसल, पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को तत्काल राज्य को हस्तांतरित करने की मांग करने वाला प्रस्ताव शुक्रवार को पारित हुआ था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अनिल विज ने कहा कि चंडीगढ़ का मुद्दा है, लेकिन यह अकेला मुद्दा नहीं है। इसके साथ SYL के जल का मुद्दा भी है, हिंदी भाषी क्षेत्र के मुद्दे हैं तो इन सबका फैसला होगा... किसी एक का नहीं। [caption id="attachment_593588" align="alignnone" width="700"]Anil Vij statement on recruitment scam in Haryana फाइल फोटो[/caption] चंडीगढ़ पर पंजाब सरकार ने ठोका अपना दावा प्रस्ताव में कहा गया है, "पंजाब पुनर्गठन कानून, 1966 के जरिए पंजाब का पुनर्गठन किया गया, जिसमें पंजाब राज्य का, हरियाणा राज्य, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में पुनर्गठन किया गया और पंजाब के कुछ हिस्से तत्कालीन केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल प्रदेश को दे दिए गए। तब से पंजाब और हरियाणा राज्य के उम्मीदवारों को कुछ अनुपात में प्रबंधन पदों को देकर साझा संपत्तियों जैसे कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के प्रशासन, में संतुलन रखा गया। हाल के अपने कई कदमों से केंद्र सरकार इस संतुलन को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है।" chandigarh, haryana, punjab, cm manohar lal, bhagwant mann इसमें कहा गया है, "हाल में केंद्र सरकार ने बाहर के अधिकारियों को चंडीगढ़ में तैनात किया और चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा नियम लागू किए, जो पूर्व में बनी सहमति के बिल्कुल खिलाफ है। चंडीगढ़ शहर को पंजाब की राजधानी के तौर पर बनाया गया। पूर्व में जब भी किसी राज्य को विभाजित किया गया तो राजधानी मूल राज्य के पास रही है। इसलिए पंजाब चंडीगढ़ को पूरी तरह पंजाब को हस्तांतरित करने के लिए अपना दावा पेश कर रहा है।" मनोहर लाल ने जताया था विरोध हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंजाब विधानसभा में पारित प्रस्ताव पर कहा था कि चंडीगढ़, हरियाणा और पंजाब की राजधानी है और रहेगी। दोनों के बीच केवल चंडीगढ़ का मसला नहीं है, बल्कि कई मुद्दे हैं। केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ के कर्मचारियों की मांग और हित में केंद्रीय सेवा नियम लागू करने का निर्णय लिया है। पंजाब सरकार इस मसले पर जनता को गुमराह कर रही है।

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