अंबाला। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज रविवार को अंबाला छावनी में नेता जी सुभाष पार्क का उद्घाटन करने पहुंचे। जहां विज के पहुंचने से पहले की कुछ किसान अनिल विज का विरोध जताने के लिए भी पहुंच गए। हालांकि किसानों ने कार्यक्रम स्थल से दूरी बनाकर ही नारेबाजी कर अपना विरोध जताया, लेकिन किसानों के नारों की आवाज मंच तक साफ़ सुनाई दे रही थी।
अनिल विज बोले- किसान विरोध प्रदर्शन करें, पुतले जलाएं लेकिन कार्यक्रम में खलल न डालें
ऐसे में अपने अंदाज के लिए प्रसिद्ध विज ने मंच से संबोधन के दौरान ही नारेबाजी कर रहे किसानों को राम राम बुलाई। इस दौरान विज ने कहा कि किसान भी अपने भाई है और किसानों के मसले का हल होना चाहिए। विज ने बताया कि किसानों के साथ दोबारा बातचीत का दौर शुरू करने के लिए उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र भी लिखा है। विज किसानों से अपील करते हुए कहा कि आप भले ही विरोध प्रदर्शन करें और पुतले जलाएं, लेकिन किसी के कार्यक्रम में खलल न डालें।
अनिल विज बोले- किसान विरोध प्रदर्शन करें, पुतले जलाएं लेकिन कार्यक्रम में खलल न डालें
इस मौके पर अनिल विज ने अंबाला छावनी के बीचों बीच लगभग 27 करोड़ की लागत से बने नेता जी सुभाष पार्क का लोकार्पण किया। बता दें कि लगभग इस नेता जी सुभाष पार्क में स्केटिंग कॉर्नर, ओपन जिम, ओपन एयर थियेटर, झील, म्यूजिकल फाउंटेन लगाया गया है। जो यहां आने वाले लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। इस पार्क का उद्घाटन करने पहुंचे विज ने नेता जी की प्रतिमा के चरणों में पुष्प अर्पित करके और नेता जी को सेल्यूट करके पार्क का उद्घाटन किया।
वहीं पार्क के उद्घाटन के अवसर पर विज मंच से कांग्रेसियों पर ही बरसना नहीं भूले। विज ने कहा कि आज देश में अधिकतर जगहों के नाम गांधी और नेहरू के नाम पर हैं। इस जगह को भी उन्हीं का नाम देने की योजना थी। लेकिन उन्होंने इस पार्क का नाम नेता जी के नाम पर रखा। मंच से लोगों को संबोधित कर रहे विज ने बड़ा बयान देते हुए बताया कि नेता जी ने आजादी से पहले ही आजाद हिन्द सरकार बना दी थी, जिसे उस वक्त कई देशों ने मान्यता भी दी थी।
अनिल विज बोले- किसान विरोध प्रदर्शन करें, पुतले जलाएं लेकिन कार्यक्रम में खलल न डालें
ऐसे में असल मायनों में देश के पहले प्रधानमंत्री नेता जी ही थे। विज ने कहा कि हमें हमेशा गलत इतिहास पढ़ाया गया। क्योंकि आजादी की लड़ाई लड़ने का दावा करने वाली कांग्रेस के जन्म से पहले ही आजादी लड़ाई अंबाला से शुरू हो चुकी थी। विज ने मंच से बड़े सवाल खड़े करते हुए कहा कि हमें सिखाया गया कि आजादी बिना लाठी डंडे के मिल गई, लेकिन आजाद हिन्द फ़ौज ने जो जवान गंवाएं, शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की शहादत को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है।