हिमाचल कैबिनेट ने लिए अहम फैसले, होगी पुरानी पेंशन योजना की बहाली, 780 आशा वर्कर्स होंगी नियुक्त
हिमाचल प्रदेश की सरकार ने ओपीएस पर बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने तय किया है कि भविष्य में सरकारी सेवा में नियुक्त होने वाले सभी नए कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत काम करेंगे। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए।
शिमला। हिमाचल प्रदेश की सरकार ने ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) पर बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने तय किया है कि भविष्य में सरकारी सेवा में नियुक्त होने वाले सभी नए कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत काम करेंगे। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए।
ओपीएस को लेकर नियमो में अहम बद्लाव :
ओपीएस को लेकर नियमो में अहम बद्लाव किए जाएंगे । इस योजना को लागू होने से हिमाचल के 1.36 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इन कर्मचारियों को जीपीएफ (जनरल प्रोविडेंट फंड) के तहत भी लाया जाएगा। जो एनपीएस कर्मचारी 15 मई 2003 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं,उन्हें अगली तारीख से ओपीएस के तहत पेंशन दी जाएगी। सरकार ओपीएस लागू करने के लिए नियमों में ज़रूरी संशोधन करेगी और उसके बाद एनपीएस में सरकार और कर्मचारियों द्वारा जारी अंशदान 1 अप्रैल, 2023 से बंद कर दिया जाएगा। कैबिनेट मीटिंग में यह भी तय किया गया है कि अगर कर्मचारी एनपीएस के तहत ही बने रहना चाहता है, तो उसे इसके लिए अपनी सहमति देनी होगी।
ओपीएस के मद में प्रदेश सरकार लगाएगी हजार करोड़ :
प्रदेश सरकार ओपीएस लागू करने के लिये वर्ष 2023-24 के दौरान एक हजार करोड़ अतिरिक्त व्यय करेगी। इसी के साथ मीटिंग में केंद्र सरकार से प्रदेश के 8 हजार करोड़ रुपए एनपीएस राशि के लौटाने का प्रस्ताव भी पारित किया। इस संबंध में मंत्रिमंडल ने वित्त विभाग को नियमों में आवश्यक बदलाव करने और ज़रूरी निर्देश जारी करने के लिए कहा है।
नियुक्त की जाएंगी 780 आशा कार्यकर्ता :
सरकार ने NHM यानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रोत्साहन के तहत 780 आशा वर्कर्स को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया, जो लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने का काम करेंगी। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत फैसिलिटेटर नियुक्त करने के लिए दिशा-निर्देशों को भी मंजूरी दी गई है।
हासिये के विद्यार्थियों को मिलेगी आर्थिक सहायता :
सरकार ने तय किया है कि पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली सभी लड़कियों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लड़कों को स्कूल ड्रेस खरीदने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से 600 रुपए दिए जाएंगे। यह राशि इन विद्यार्थियों या उनकी माता के नाम पर सीधे उनके अकाउंट में भेजी जाएगी। इससे राज्य के लगभग 3.70 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
जयराम सरकार का एक और फैसला रद्द :
मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने पहले की जयराम सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू की गई हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान योजना को निरस्त कर दिया है। इसके लिए मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान अधिनियम, 2021 और हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान नियम, 2022 को निरस्त करने की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा बैठक में श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, नेरचौक, मंडी में क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए सामुदायिक मेडिसिन विभाग में सहायक आचार्य का पद भरने का निर्णय लिया गया।
टोल बैरियर की नीलामी और टेंडर को पट्टे पर देने की मंजूरी :
मंत्री मंडल ने हिमाचल प्रदेश टोल्ज एक्ट, 1975 के तहत वर्ष 2023-24 के लिए टोल बैरियर को नीलामी और निविदा प्रक्रिया के माध्यम से पट्टे पर देने की भी मंजूरी दी हैं। मंत्री मंडल ने वन विभाग के इंजीनियरिंग स्टाफ के राशनलाइजेशन करने का निर्णय लिया है। विभाग के 26 इंजीनियरों की सेवा PWD, जल शक्ति विभाग, हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड और हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड में मर्ज की जाएंगी।