Adampur by election2022: आदमपुर में मतदान शांतिपूर्ण खत्म, 70 प्रतिशत के आस पास हुई वोटिंग

By  Vinod Kumar November 3rd 2022 06:20 PM -- Updated: November 3rd 2022 06:26 PM

Adampur by election2022: आदमपुर में उपचुनाव के लिए आज वोटिंग हुई। वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू हुई। आदमपुर का भविष्य ईवीएम में आज बंद हो गया। वोटिंग के लिए कुल 180 मतदान केंद्र बनाए गए थे। शाम छह बजे तक आदमपुर में 70 फीसदी के आसपास मतदान हुआ। 

मतदान के दौरान गांव सुंडावास में 87 साल महिला को कन्ही मतदान केंद्र पर वोट डालने से ये कहकर मना कर दिया गया कि उसकी मौत हो चुकी है। महिला ने मतदान केंद्र पर अधिकारियों को बताया कि उसका नाम वोटर लिस्ट में है और उसके घर वोटर रसीद भी आई है। इसके बाद भी कर्मचारियों ने महिला को वोट नहीं डालने दिया। महिला बाद में बिना वोट डाले ही घर लौट गई।

गांव घुड़साल में रोहतक नंबर की एक संदिग्ध कार घूमती हुई मिली। कार में रोहतक का एक पूर्व सरपंच और उसका साथी बैठा हुआ था। सरपंच सांघी गांव के रहने वाले हैं। पुलिस  कार को आदमपुर थाने में ले गई। दोनों से पूछताछ की गई है।  

वहीं वोटिंग के बीच आदमपुर गांव के स्कूल में बने मतदान केंद्र के बाहर झड़प हो गई। यहां एडवोकेट राकेश के साथ पूर्व सरपंच के बेटे संजय दानी व उसके भतीजे ने मारपीट की। यही नहीं आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी।सूचना पर हिसार के एसपी मौके पर पहुंचे। उन्होंने एडवोकेट राकेश को आदमपुर थाना में जाकर शिकायत देने के लिए कहा। जिस पर सभी सहमत होकर चले गए।

वहीं, बीजेपी नेता कुलदीप बिश्नोई ने अपने परिवार के साथ पहुंचकर वोट डाला। कुलदीप बिश्नोई आदमपुर की अनाज मंडी में बूथ नंबर-54 पर वोट डालने पहुंचे थे। वोट डालने के बाद उन्होंने बेटे भव्य बिश्नोई की जीत का दावा किया। वोट डालने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने ट्वीट कर लिखा, भव्य आदमपुर के लिए आज वोट डालकर उपचुनाव के यज्ञ में अपनी आहुति डाली है। आप सब भी भारी मात्रा में अपना वोट डालकर लोकतंत्र की मजबूती में अपना योगदान दें। 

आदमपुर में वोटिंग के दौरान कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश जेपी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आए। इस बीच जयप्रकाश जेपी ने कुलदीप बिश्नोई पर बड़ा आरोप लगाया है। दलित और पिछड़ों से कुलदीप बिश्नोई का परिवार भेदभाव करता है। सामाजिक कार्यक्रमों में दलितों के लिए अलग से टेंट लगाया जाता है। ऐसा भेदभाव करने वालों को दलित और पिछड़ा समाज कभी वोट नहीं देगा। वोट की चोट से जनता जातिवादी मानसिकता के लोगों को सबक सिखाएगी।


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