हिमाचल के इस फैसले के खिलाफ है हरियाणा!, मुख्यमंत्री ने विधानसभा में पेश किया संकल्प पत्र
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से पास किए गए आर्डिनेंस के खिलाफ संकल्प पत्र पेश किया है. संकल्प पत्र पेश करते हुए सीएम ने कहा कि हिमाचल सरकार की तरफ से लाए गए आर्डिनेंस से हरियाणा पर बोझ बढ़ेगा.

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से पास किए गए आर्डिनेंस के खिलाफ संकल्प पत्र पेश किया है. संकल्प पत्र पेश करते हुए सीएम ने कहा कि हिमाचल सरकार की तरफ से लाए गए आर्डिनेंस से हरियाणा पर बोझ बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि पानी के संसाधनों और पड़ोसी राज्यों पर लगाए गए सेस के संबंध में आर्डिनेंस पास किया गया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से लाया गया आर्डिनेंस अवैध है. यही नहीं सीएम ने केंद्र सरकार से भी प्रस्ताव में हस्तक्षेप से मांग की है. वहीं हरियाणा विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ.
हरियाणा और पंजाब सरकार ने हिमाचल सरकार के विधेयक पर एतराज जताया है. आपको बता दें हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश वॉटर सेस ऑन हाइड्रो पावर जनरेशन बिल 2023 पास किया. वॉटर सेस के दायरे में हिमाचल की 10,991 मेगावाट की 172 पन बिजली परियोजनाएं आएंगी. इस वॉटर सेस से सालाना 4 हजार करोड़ राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.
जलभराव के कारण करीब 23000 एकड़ फसल का दिया गया मुआवजा- सीएम
इसके अलावा फसल खराबे के मुआवजा के संबंध में लगाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोलते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जलभराव के कारण फसलों की बुवाई न होने की एवज में 23 हजार एकड़ के लिए साढ़े 15 करोड़ रुपये किसानों को दिए गए हैं.
सीएम मनोहर लाल ने सदस्य द्वारा किसानों को मुआवजे की राशि न मिलने की शिकायत पर भी जवाब दिया. सीएम ने बताया कि मुआवजे की राशि जिला खजाना कार्यालय में भेजी गई थी. अगर किसी किसान को ये राशि नहीं मिली है, तो सदस्य सदन को अवगत करवाएं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर अधिकारियों ने किसानों को ये राशि वितरित नहीं की है तो उसकी जांच करवाई जाएगी और सख्त कार्रवाई होगी. सीएम ने कहा कि सरकार किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देगी.