हिमाचल सरकार के ओपीएस बहाली के वादे पर उठ रहे सवाल

वहीं, राज्य कर्मचारी महासंघ अभी कुछ मायूस नजर आ रहा है और सरकार के फैसले पर सवाल खड़े कर रहा है।

By  Jainendra Jigyasu March 3rd 2023 10:16 PM -- Updated: March 4th 2023 12:11 AM

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में सरकार बनने के बाद हुई पहली कैबिनेट बैठक में सरकार ने प्रदेश की जनता को बड़ा तोहफा दिया। सरकार ने ओपीएस बहाली और महिलाओं को प्रतिमाह 1500 रुपये देने का फैसला किया है। प्रदेश सरकार के इस फैसले पर अब सवाल उठने लगे हैं। 

सरकार के इस फैसले से प्रदेश के एनपीएस कर्मचारी और महिलाओं में खुशी है। वहीं, राज्य कर्मचारी महासंघ अभी कुछ मायूस नजर आ रहा है और सरकार के फैसले पर सवाल खड़े कर रहा है। सरकार का कहना है कि ओपीएस बहाली के फैसले से प्रदेश के 1 लाख 32 हजार कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

वहीं, हिमाचल राज्य कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन में से अभी भी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली कटने से कर्मचारी मायूस हैं। इस पर राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष इंद्र सिंह ठाकुर ने प्रदेश के कर्मचारियों के खाते से अभी भी एनपीएस कटने पर सरकार से सवाल पूछे हैं। उनका कहना है कि ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली के आदेशों के बाद भी उनके वेतन से एनपीएस क्यों काटा जा रहा है।

महासंघ अध्यक्ष का कहना है कि ओपीएस लागू करने का मतलब उसकी बहाली ही होना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को दायरे में लाकर उन्हें एनपीएस से मुक्ति मिलनी चाहिए, जबकि ऐसा होता नज़र नहीं आ रहा है। कर्मचारी के वेतन से एनपीएस काटा जा रहा है, जिससे कर्मचारी असमंजस में हैं। महासंघ अध्यक्ष का कहना है कि महासंघ जल्द ही प्रदेश के सीएम सुक्खू को मांग पत्र सौंपेगा। उन्होंने मांग की है कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को दिए गए छठे वेतनमान की बकाया राशि का जल्द से जल्द भुगतान करे। उन्होंने कहा है कि अगर इससे समाधान नहीं निकलता है, तो हम सरकार के पास जमा कार्मचारियों के पैसों पर ब्याज की मांग करेंगे।

साथ ही, महासंघ अध्यक्ष ने मांग रखी है कि कर्मचारियों को जल्द से जल्द महंगाई भत्ता दिया जाए और सेवानिवृत हुए प्रदेश के 47 हजार कर्मचारियों को ओपीएस के तहत वितीय लाभ दिया जाए।

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