जो कभी मालरोड पर अखबार बेचता था, आज वो हर अखबार की हेडलाइन बना है...
Dharam Prakash
December 12th 2022 11:17 AM
हिमाचल में जनता के पूर्ण बहुमत के बाद...एक बार फिर राज्य में कांग्रेस सत्ता में है. हिमाचल की जनता के जनादेश के बाद हिमाचल की कमान एक ऐसे शख्स के हाथ में है...जिसने छात्र जीवन से अपनी राजनीति की शुरुआत की...और आज हिमाचल की राजनीति के शिखर तक पहुंच गया...सुखविंदर सिंह सुक्खू एक ऐसा नाम है...जो कभी शिमला के माल रोड पर अखबार बेचा करते थे....और आज हर अखबार की सुर्खियां बने हुए हैं. एक बस चालक का बेटा होकर उन्होंने जो संघर्ष जो देखा, उसे हिमाचल की आवाम ने बखूबी पहचाना और इसीलिये आज सुखविंदर सिंह सुक्खू...हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री बन पाए हैं.
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सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर जिले की नादौन तहसील के सेरा गांव से आते हैं. उनके पिता हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस में बतौर चालक नौकरी करते थे. उनके बड़े भाई भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं और खुद सुक्खू...शुरू से ही राजनीति में सक्रिय रहने लगे थे.
शिमला के संजौली कॉलेस से सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. यहां से वो एनएसयूआई के अध्यक्ष भी रहे....फिर स्टूडेंट सेंट्रल एसोसिएशन के अध्यक्ष रहने के बाद....यूथ कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई..साल 1995 में कांग्रेस ने उन्हें यूथ कांग्रेस का महासचिव बना दिया.

सुखविंदर सिंह सुक्खू हमेशा ही जमीन से जुड़े नेता माने जाते रहे हैं. लोगों के बीच रहकर उन्होंने न सिर्फ लोगों की जरूरतों औऱ उनकी मुश्किलों को नजदीक से समझा...बल्कि साथ ही राजनीतिक रूप से उन समस्याओं के समाधान के रास्ते भी ढूंढे...यहीं वजह है कि सुक्खू नादौन से...4 बार विधायक बने....और इस बार विधायक दल का नेता बनते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने में कामयाब रहे.
सुखविंदर सुक्खू शिमला नगर निगम के दो बार पार्षद भी रहे हैं. इसके अलावा साल 2003, 2007, 2017 और 2022 में नादौन की जनता ने...उन्हें अपना विधायक चुनकर विधानसभा में भेजने का काम किया. साल 2013 से साल 2019 तक सुखविंदर सुक्खू हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे और अध्यक्ष रहते हुए भी उन्होंने हिमाचल में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने का काम बखूबी किया.
सुक्खू के बारे में खास बात ये भी है कि वो कभी किसी कैबिनेट में मंत्री नहीं रहे...न वीरभद्र सिंह की सरकार में और न ही इसके अलावा...लेकिन अब जब किसी मंत्रिपद के काबिल उन्हें समझा गया तो वो था...प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद....इस बार हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने सुक्खू पर भरोसा जताया था. उन्हें प्रचार कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया और साथ ही टिकट वितरण कमेटी के वो सदस्य भी रहे. यानि हिमाचल में कांग्रेस पार्टी के टिकट वितरण को लेकर भी सुक्खू ने खास भूमिका निभाई है.
हिमाचल की जनता रिवाज के साथ चलती है औऱ हर चुनाव में सरकार बदलती है. हालांकि इस बार वीरभद्र सिंह के बिना ये मुमकिन नहीं लग रहा था लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल में कांग्रेस की वापसी को लेकर बड़ी अहम भूमिका निभाई औऱ इसी का नतीजा है..कि एक बस ड्राइवर का बेटा...आज हिमाचल की सरकार का सबसे बड़ा पद..यानि मुख्यमंत्री का पद...अपने नाम कर चुका है.