हरियाणा में सब्जी एवं बागवानी फसलों पर मिलेगा बीमा कवर

By  Arvind Kumar October 13th 2020 10:43 AM -- Updated: October 13th 2020 10:45 AM

  • कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल का बयान
  • हरियाणा की मंडियों में सुचारू रूप से चल रही खरीद
  • बागवानी और फल-सब्जी की फसल का भी होगा बीमा
  • सब्जी और फलों की फ़सल का ढाई फ़ीसदी प्रीमियम प्रति एकड़ लिया जाएगा
  • 40 हजार के बीमे के लिए किसान को करीब 1 हजार रुपये देने होंगे

चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि ज्यों-ज्यों सरकार किसान को जोखिम फ्री बनाने के लिए कोई फैसला लेती है त्यों-त्यों कांग्रेस की बेचैनी बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बाद हरियाणा सरकार ने अपने स्तर पर ट्रस्ट मॉडल आधार पर सब्जी एवं बागवानी फसलों को भी बीमा कवर देने का निर्णय लिया है।

जेपी दलाल ने कहा कि इस नई बीमा योजना में किसानों को 2.5 प्रतिशत का प्रीमियम देना होगा और उन्हें प्रति एकड़ 40,000 रुपये का बीमा कवर मिलेगा। जिन 14 सब्जियों को इस बीमा कवर में शामिल जाएगा उनमें टमाटर, प्याज, आलू, बंद गोभी, मटर, गाजर, भिण्डी, लौकी, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, फूल गोभी तथा मूली शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, किन्नू, अमरूद, आम तथा बेर व हल्दी तथा लहसून को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा।

Insurance cover on Vegetable हरियाणा में सब्जी एवं बागवानी फसलों पर मिलेगा बीमा कवर

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कृषि मंत्री ने कहा कि किसान हित के नाम पर कांग्रेस सिर्फ ढोंग करना जानती है जबकि हकीकत में वह किसान के नाम पर साहूकारों के लिए बिचोलिए का काम करती है। उन्होंने कहा कि फसल बीमा के नाम पर कांग्रेस के वर्ष 2005 से वर्ष 2014 तक के कार्यकाल में 164.30 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए गए जबकि हमारे कार्याकाल में किसानों से प्रीमियम के रूप में 914 करोड़ रुपये लिए गए तथा उन्हें बीमा लाभ के रूप में 2943.92 करोड़ रुपये दिए गए।

Insurance cover on Vegetable हरियाणा में सब्जी एवं बागवानी फसलों पर मिलेगा बीमा कवर

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इसी प्रकार, जिन किसानों ने अपनी फसलों का बीमा नहीं करवाया था उनको मुआवजे के रूप में वर्ष 2014 से वर्ष 2020 तक 2764.93 करोड़ रुपये वितरित किये गए, जबकि वर्ष 2005 से वर्ष 2014 के बीच में केवल 627.06 करोड़ रुपये ही दिए गए थे।

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एक प्रश्न के उत्तर में श्री जे.पी. दलाल ने कहा कि न तो मंडियां बंद होंगी और ना ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बंद होगा। वर्ष 2014 से वर्ष 2020 तक 21 नई अनाज मंडियों और 11 सब्जी मंडियों का निर्माण करवाया गया है। इसी प्रकार, पिछली सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए प्रति वर्ष 4853.40 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी, जबकि हमारी सरकार ने पिछले वर्ष ही 6856.02 करोड़ रुपये बिजली सब्सिडी के रूप में दिए। इसके अलावा, बिजली सरचार्ज माफी योजना के तहत 1 लाख 11 हजार 617 उपभोक्ताओं को भी लाभांवित किया गया।

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उन्होंने कहा कि अब तक 60000 मीट्रिक टन बाजरा, 15 लाख मीट्रिक टन धान तथा 3 लाख क्विंटल कपास की खरीद की है और इसके लिए 450 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है जो सीधे किसानों के खातों में पहुंचाई जाएगी। दलाल ने कहा कि कांग्रेस को तो यही बात हजम नहीं हो रही कि किस प्रकार वर्तमान सरकार ने किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए व्यवस्था आरंभ की है।

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