एक कुतिया की मौत पर भी पत्र लिखने वाले पीएम ने 700 किसानों की मौत पर कुछ नहीं कहा: सत्यपाल मलिक

By  Vinod Kumar March 7th 2022 03:46 PM

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में खाप द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, “मुझे चुप रहने के लिए राष्ट्रपति बनने का ऑफर दिया गया है। पद कुछ भी नहीं होते हैं। मैंने चौधरी चरण सिंह के साथ काम किया है और वो मुझे बेटा कह कर बुलाते थे।” सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि अब आप सड़कों पर बैठना और धरना देना छोड़ दीजिए। अपनी सरकार बनाइए, सरकार को बदल दीजिए, किसी से भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी।” उन्होंने कहा कि राज्यपाल के रूप में मेरा कार्यकाल अगले छह से सात महीनों में खत्म हो जाएगा। उसके बाद मैं उत्तर भारत के सभी किसानों को एकजुट करने के लिए एक आउटरीच अभियान शुरू करूंगा। Satyapal Malik 1 भारतीय जनता पार्टी के नेता रहे मलिक कृषि सुधारों के आलोचक रहे हैं। मलिक ने सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा, ‘हमने 700 से ज्यादा किसानों को खो दिया। लेकिन एक कुतिया की मौत पर लैटर लिखने वाले प्रधानमंत्री ने उन किसानों की मौत पर एक शब्द तक नहीं बोला।’ उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार MSP पर कानूनी गारंटी देने में विफल रही है। क्योंकि प्रधानमंत्री के मित्र, जिन्होंने तीन कृषि कानून लाए जाने से पहले पानीपत में 50 एकड़ जमीन पर गोदाम का निर्माण किया था। वो कम कीमत पर गेहूं खरीदना चाहते हैं और ऊंची कीमतों पर बेचना चाहते हैं। यह किसानों और सरकार के बीच की लड़ाई है।’ SKM, SKM meeting , singhu border, farmer protest, एसकेएम, संयुक्त किसान मोर्चा, सिंघु बॉर्डर, किसान आंदोलनsatya pal malik यूपी चुनावों पर बोलते हुए, मलिक ने आरोप लगाया, 'जनादेश आना बाकी है लेकिन एक बात स्पष्ट है कि भाजपा नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसी भी गांव में प्रवेश नहीं कर सके। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को उन्होंने दौड़ते हुए देखा है। जल्दी ही वे पूरे भारतवर्ष का दौरा करेंगे और किसानों को एकजुट कर उनकी सरकार बनाने की कवायद शुरू करेंगे। मैंने यूपी के पश्चिमी हिस्से का दौरा किया और पता चला कि लोग बीजेपी से नाराज हैं।' 'निशान साहिब फहराकर किसानों ने नहीं किया गलत काम' 26 जनवरी की घटना के बारे में बोलते हुए, मलिक ने कहा कि किसानों ने लाल किले के सामने एक पोल पर 'निशान साहिब' फहराकर कोई गलत काम नहीं किया। सिख समुदाय ने बहुत त्याग किया है और निशान साहिब उनकी गरिमा के प्रतीक हैं। लेकिन उन्हें जानबूझकर विरोध को विभाजित करने के लिए दोषी ठहराया गया था।

Related Post