ऐसा था सुषमा स्वराज का स्वभाव, इस गाने को सुनकर होती थीं खुश
अंबाला। (कृष्ण बाली) अंबाला की बेटी और प्रखर प्रवक्ता के रूप में मशहूर देश की तेज तर्रार मंत्री रही सुषमा स्वराज के आकस्मिक निधन से अम्बाला वासी क्षुब्ध हैं। सनातन धर्म कालेज अम्बाला के प्रोफेसर ओर उनके सहयोगी भी आज उनके निधन से दुखी हैं। सुषमा स्वराज ने हालांकि प्राथमिक शिक्षा पलवल से प्राप्त की लेकिन बीए की शिक्षा अम्बाला से ही प्राप्त की। [caption id="attachment_326473" align="aligncenter" width="700"] ऐसा था सुषमा स्वराज का स्वभाव, इस गाने को सुनकर होती थीं खुश[/caption] अम्बाला ही नहीं हरियाणा से उनका निजी व राजनीतिक रिश्ता बहुत गहरा रहा है। उनको याद करके आज उनके पड़ोसी, सहपाठी ओर कनिष्ठ सहयोगियों की आंखे नम हो गई हैं और वो कहते हैं कि सुषमा के जाने से उनकी पीठ थपथपाने वाली शख्सियत उन्हें बिलखता छोड़ कर चली गई। [caption id="attachment_326475" align="aligncenter" width="700"] ऐसा था सुषमा स्वराज का स्वभाव, इस गाने को सुनकर होती थीं खुश[/caption] सुषमा स्वराज ओजस्वी वक्ता होने के साथ-साथ राजनीति की प्रखर सियासतदान मानी जाती थीं। वे संसद में भी अपनी आवाज बेबाकी से उठाती थीं। सुषमा के ओजस्वी वक्तव्य ने उनकी पहचान बनाई और विदेशों में भी सियासतदान इनका लोहा मानते थे। [caption id="attachment_326474" align="aligncenter" width="700"] ऐसा था सुषमा स्वराज का स्वभाव, इस गाने को सुनकर होती थीं खुश[/caption] अंबाला में सुषमा के पड़ोसी पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताते हैं कि सुषमा जी जब यहां अंबाला में पढ़ाई करती थी और हम सभी को इकट्ठा करके स्पीच दिया करती थी। उनका एक फेवरेट गाना था 'ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी' जिसको सुनकर वे खूब खुश होती थी और उन्हें शाबाशी देती थी। उनका कहना है कि सुषमा की यादों को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता क्योंकि वह सब से प्यार करती थीं चाहे वह छोटा हो या बड़ा हो। यह भी पढ़ें : सुषमा स्वराज के निधन से देशभर में शोक की लहर, श्रद्धांजलि देने दिल्ली पहुंच रहे लोग