हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा

By  Arvind Kumar March 10th 2021 05:09 PM -- Updated: March 10th 2021 05:11 PM

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस द्वारा बीजेपी-जेजेपी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिर गया। वोटिंग के दौरान अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 32 लोग खड़े हुए जबकि 55 अविश्वास प्रस्ताव के विपक्ष में खड़े रहे। स्पीकर ने प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस हर 6 महीने में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ जाती है। अविश्वास की ये कार्यशैली कांग्रेस को कभी लाभ नहीं देगी।  [caption id="attachment_480728" align="aligncenter" width="700"]No confidence Motion Haryana हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा[/caption] मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का लाभ आपको कम, हमें ज्यादा है। जनता के साथ हमारा विश्वास बना हुआ है। बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना वाला भाव न पालें। सीएम मनोहर लाल ने दो टूक कहा कि कानून वापस नही होंगे, संवाद ज़रूर होना चाहिए। अगर रद्द होने होते तो दो महीने पहले ही हो गए होते। [caption id="attachment_480730" align="aligncenter" width="1280"]No confidence Motion Haryana हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा[/caption] अविश्वास प्रस्ताव पर विधानसभा में बोलते हुए हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि 10 साल ये नारा लगा कि 'हुड्डा तेरे राज में किसान की ज़मीन गई ब्याज़ में'। हमने पिछले 1 साल में 30,000 करोड़ रुपये की अलग-अलग फसलें MSP पर खरीदी हैं। पिछली बार 1800 खरीद केंद्र बनाए थे। इस बार भी प्रत्येक किसान को विश्वास दिलाते हैं कि जैसे ही मंडी में आपका जे फॉर्म कटेगा, उसके 2 दिन के अंदर आपके खाते में पैसे पहुंच जाएंगे। यह भी पढ़ें- डिप्टी सीएम ने किसानों को दिलाया विश्वास, बोले- हमारे होते मंडियां न कमजोर होंगी, न खत्म यह भी पढ़ें- सदन में जेजेपी विधायक नैना चौटाला ने रखी मांग, 5100 रुपये बुढ़ापा पेंशन करे सरकार बता दें कि हरियाणा में अभी तक जिन भी सरकारों के विरुद्ध विपक्ष के द्वारा जितने भी अविश्वास प्रस्ताव लाए गए, वे सिरे नहीं चढ़ पाए हैं और विधानसभा के पटल पर औंधे मुंह गिर गए। आज कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव भी सदन के पटल पर नहीं टिक पाया और ज्यादातर विधायकों ने सरकार पर समर्थन जताया।

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