कोई भी मां का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता: राजनाथ सिंह

By  Arvind Kumar December 27th 2020 03:39 PM

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कृषि और किसान कल्याण के लिए आजाद भारत में सबसे पहली बार अटल जी ने बड़े पैमाने पर सुधार करने का सिलसिला प्रारंभ किया था। यह मेरा सौभाग्य है कि अटल जी की सरकार में कृषि मंत्री के रूप में मुझे भी काम करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने का जो बड़ा सुधार कार्यक्रम अटल जी के दौर में शुरू हुआ था उसे आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नई ऊर्जा और ताकत दे रहे हैं।

Rajnath Singh on Farmers Protest कोई भी मां का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता: राजनाथ सिंह

उन्होंने कहा कि नए कृषि क़ानूनी के माध्यम से किसानों को अपनी उपज जहां चाहें वहां बेचने की सही मायनों में आजादी मिली है और अपनी फसल को बेचने में होने वाली समस्याओं का स्थायी समाधान उन्हें मिला है। अब इस देश का किसान मंडी में अपनी मेहनत गिरवी रखने के लिए मजबूर नहीं है। इन कृषि कानूनों के बन जाने के बाद देश का हर किसान पूरे देश में कही भी, जहां उसे बेहतर कीमत मिले, अपनी फसल बेचने के लिए आजाद होगा।

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राजनाथ सिंह ने कहा कि इस ऐतिहासिक कृषि सुधार से उन लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गई है जो लोग किसानों के नाम पर अपने निहित स्वार्थ साधते थे। उनका धंधा खत्म हो जायेगा इसलिए जानबूझ कर देश के कुछ हिस्सों में एक गलतफहमी पैदा की जा रही है, कि हमारी सरकार MSP की व्यवस्था खत्म करना चाहती है। ये दुष्प्रचार किया गया कि किसानों की जमीन कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के माध्यम से छीन ली जाएगी, कोई भी मां का लाल किसानों से उनकी जमीन नहीं छीन सकता है। ये मुकम्मल व्यवस्था कृषि कानूनों में की गई है

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"किसानों से जो भी करार होगा वह उनकी उपज का होगा उनकी जमीन का नहीं। और जो करार करेगा यदि वह तय की गई राशि से कम भुगतान करेगा तो किसान उसके खिलाफ कानूनी कारवाई के लिए सरकार की मदद ले सकता है। किसान अपनी फसल को जहां चाहें जैसे चाहे और जिसको भी चाहें बेचने के लिए आजाद है। यदि किसान द्वारा बेची फसल पर कारोबारी को अधिक लाभ होता है तो उसे उस लाभ के अनुपात में किसानों को बोनस भी देना होगा।"

रक्षा मंत्री ने कहा कि इसी साल रबी की छह फसलेां की MSP की घोषणा की गई है, जिसमें लगभग डेढ़ गुने से दोगुने तक की MSP में वृद्धि की गई है। MSP खत्म करने का इरादा न इस सरकार का कभी था, न है, और न आगे कभी होगा।

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