खत्म नहीं की जाएगी नंबरदारी, हर माह की निश्चित तिथि को मिलेगा मानदेय- डिप्टी सीएम

By  Arvind Kumar June 24th 2021 10:06 AM

चंडीगढ़। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने घोषणा की है कि नंबरदारों का पद खत्म नहीं किया जाएगा, वे निश्चिंत रहे। यही नहीं भविष्य में राज्य के नंबरदारों को हर माह एक निश्चित तिथि को मानदेय दिया जाएगा ताकि उनको कई-कई माह तक इंतजार न करना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी नंबरदारों को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ दिया गया है तथा जल्द ही स्मार्ट फोन भी उपलब्ध करवा दिया जाएगा। डिप्टी सीएम, जिनके पास राजस्व विभाग का प्रभार भी है, को बुधवार को हरियाणा नंबरदार एसोसिएशन द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एसोसिएशन के प्रधान आजाद सिंह खाण्डेवाला भी उपस्थित थे। दुष्यंत चौटाला ने नंबरदारों को आधुनिक तकनीक से जुड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि नंबरदार की हमारे समाज में एक अलग पहचान व सम्मान होता है। उन्होंने नंबरदारों को अच्छे सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया ताकि उनको गांव, कस्बा, ब्लॉक, तहसील, जिला स्तर आदि पर होने वाले सोशल-ऑडिट में शामिल किया जा सके। डिप्टी सीएम ने कहा कि पंचायतीराज संस्थानों द्वारा करवाए जाने वाले विकास कार्यों पर निगरानी के लिए जो कमेटी गठित की जाएगी उसमें नंबरदारों को भी शामिल किया जाएगा। यह भी पढ़ें- हुड्डा बोले- गठबंधन सरकार की नीयत और नीतियों से परेशान है किसान यह भी पढ़ें- ओपी चौटाला की रिहाई हम सबके लिए राहत और खुशी भरी खबर: दिग्विजय चौटाला उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, इन योजनाओं में नंबरदार क्या भूमिका निभा सकते हैं, इस बारे में भी नंबरदार सुझाव दें ताकि समाज के विकास में उनकी अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि अगर ज्यादा भागीदारी होगी तो नंबरदार के मानदेय में और अधिक बढ़ोतरी की जा सकेगी तथा तहसील स्तर पर उनको बैठने व काम करने के लिए एक स्पेशल कमरा दिया जा सकेगा। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पूर्व उपप्रधानमंत्री जननायक चौधरी देवीलाल ने अनुसूचित जाति व पिछड़ा वर्ग के लिए भी नंबरदारी शुरू की थी, इसलिए उनका भी इस वर्ग से विशेष लगाव है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की सोच है कि राज्य की तरह प्रत्येक गांव, ब्लॉक, तहसील व जिला के लिए फिक्सड-सेलरी का बजट बनाया जाए ताकि बेहतर ढ़ंग से संस्थागत विकास हो सके।

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