डिपो पर पौष्टिक आटा मिलेगा या गेहूं, इसका फैसला गुणवत्ता जांच के बाद: डिप्टी सीएम

By  Arvind Kumar June 24th 2020 06:20 PM -- Updated: June 24th 2020 06:28 PM

चंडीगढ़। प्रदेश के सभी सरकारी डिपो पर लोगों को पौष्टिक आटा मिलेगा या गेहूं, यह फैसला राज्य के पांच जिलों में वितरित किए गए पौष्टिक आटे की गुणवत्ता की जांच के आधार पर लिया जाएगा। यह जानकारी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का जिम्मा संभाल रहे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दी। डिप्टी सीएम ने कहा कि पिछले दिनों यमुनानगर जिले में भेजे गये पौष्टिक आटे की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिली थी। इसके बाद विभाग द्वारा वहां से जांच के लिए सैंपल लिए गये। उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने के बाद प्रदेश सरकार ने सतर्कता बरतते हुए पांचों जिलों में वितरित किये जा रहे पौष्टिक आटे की गुणवत्ता की जांच का निर्णय लिया। इसी के तहत प्रत्येक जिले के पांच-पांच डिपो से सैंपल लेकर जांच करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इसकी गुणवत्ता की जांच के आधार पर ही अब आगे यह निर्णय लिया जाएगा कि प्रदेश भर में डिपो उपभोक्ताओं को पौष्टिक आटा दिया जाए या गेहूं के वितरण को ही जारी रखा जाये। दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश के पांच जिलों अम्बाला, करनाल, हिसार, यमुनानगर व रोहतक में यह पोषणयुक्त आटा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे पहले पीजीआई की सिफारिशों पर राज्य सरकार ने अम्बाला व करनाल में पायलट आधार पर शुरू किया था। Nutritious flour will be available at the depot or wheat, its decision after quality check says Deputy CM साथ ही उपमुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य वस्तुओं में मिलावट को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पदार्थों में मिलावट के रोकथाम के लिए निरंतर आमजन को जागरूक और समय-समय पर सैम्पलिंग करवाई जा रही है। ---PTC NEWS---

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