चंडीगढ़। कृषि कानूनों के विरोध में किसान 26 को दिल्ली कूच करने वाले हैं लेकिन इससे पहले ही किसान नेताओं को हिरासत में लेने का सिलसिला शुरू हो गया। पुलिस ने प्रदेशभर के तमाम बड़े किसान नेताओं के घर पर दबिश दी और उन्हें उठाकर थाने ले आई। जिसके बाद से लेकर अभी तक किसान नेताओं को पुलिस ने थाने में ही बिठा रखा है।
किसान नेताओं को हिरासत में लेने की कार्रवाई का विरोध, थाने पहुंच किसानों ने की नारेबाजी
नारनौंद और कुरुक्षेत्र में भी कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है। नारनौद क्षेत्र में किसान संघर्ष समिति के नेता विकास सीसर, सुरेश कोथ, शीलू लोहान व कई अन्य नेताओं को हिरासत में लिया गया है। वहीं कुरुक्षेत्र में भी कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है जिनमें कर्म सिंह मथाना, अशोक दानोदा, सूबे सिंह, सुरेश कोत शामिल है।
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किसान नेताओं को हिरासत में लेने की कार्रवाई का विरोध, थाने पहुंच किसानों ने की नारेबाजी
थाने में मौजूद किसान नेताओं ने बताया कि सुबह सुबह 4 बजे 10 से 12 कर्मियों ने घर पर दबिश दी और उन्हें अपने साथ थाने ले आये। किसान नेता का कहना है कि दिल्ली कूच के कार्यक्रम को फेल करने के लिए ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन यह आंदोलन अब देश का आंदोलन बन गया है।
किसान नेताओं को हिरासत में लेने की कार्रवाई का विरोध, थाने पहुंच किसानों ने की नारेबाजी
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इस बीच किसान नेताओं की गिरफ्तारी का विरोध भी शुरू हो गया है। किसान नेताओं को छुड़वाने के लिए अनेक किसान पुलिस स्टेशन पहुंच रहे हैं। इस कार्रवाई के विरोध में किसानों ने हरियाणा सरकार व केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व नारनौंद पुलिस स्टेशन के सामने हरियाणा सरकार व केंद्र सरकार का पुतला फूंका।
किसानों को हिरासत में लिए जाने की घटना को लेकर कांग्रेस के कद्दावर नेता अशोक अरोड़ा ने कहा कि सरकार तानाशाह रवैया अपना रही है। किसान विरोधी बिल पर अशोक अरोड़ा ने कहा कि सरकार को किसान विरोधी बिल पास नहीं करना चाहिए। सरकार ने किसान विरोधी बिल पास करके किसानों को कमजोर किया है, सरकार को अपनी जिद छोड़नी चाहिए और बिल वापस लेना चाहिए।