नई दिल्ली। केन्द्र शासित राज्य पुद्दुचेरी में भारी हंगामे के बीच आज कांग्रेस सदन में अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई। सोमवार को स्पीकर ने ऐलान किया कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। इसके बाद मुख्यमंत्री वी नारायणसामी की विदाई तय मानी जा रही है। हालांकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर अंतिम फैसला उपराज्यपाल को फैसला लेना है।
बता दें कि विधायकों के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री गहरे राजनीतिक संकट में फंस गए थे। खास बात यह है कि शक्ति परीक्षण से ठीक पहले दो और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया।
नाराणसामी सरकार विश्वासमत हारी, पुदुचेरी में कांग्रेस सरकार गिरी
फ्लोर टेस्ट के दौरान मुख्यमंत्री नारायण सामी ने अपने समर्थक विधायकों के साथ विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। इससे पहले उन्होंने विधानसभा में राज्य की पूर्व उप राज्यपाल किरण बेदी और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार को गिराने की कोशिश की गयी। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में हम दो भाषाओं तमिल और अंग्रेजी को फॉलो करते हैं लेकिन बीजेपी हमपर हिंदी थोपना चाहती है।
नाराणसामी सरकार विश्वासमत हारी, पुदुचेरी में कांग्रेस सरकार गिरी
कांग्रेस-डीएमके गठबंधन के विधायकों की संख्या विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष समेत 11 है, ऐसे में दो विधायकों के इस्तीफे के बाद यह संख्या 9 रह गई है। वहीं पार्टी को सदन में सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कषगम - द्रमुक के दो और एक निर्दलीय सदस्य का समर्थन प्राप्त है।
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नाराणसामी सरकार विश्वासमत हारी, पुदुचेरी में कांग्रेस सरकार गिरी
वर्तमान में विधान सभा 26 सदस्य हैं, जिनमें, सरकार के पास 11 विधायक हैं – बहुमत से एक काम। इसमें अध्यक्ष, एक कांग्रेस विधायक शामिल हैं, लेकिन वे तब तक मतदान नहीं कर सकते जब तक कि कोई टाई न हो। विपक्ष के 14 विधायक हैं – एन आर कांग्रेस के 7, एआईएडीएमके के 4 और 3 मनोनीत विधायक जो भाजपा के सदस्य हैं।