पंजाब विधानसभा चुनाव 2022: पंजाब में विधानसभा चुनाव(punjab assembly election 2022) खत्म हो चुके हैं। ईवीएम (EVM) को कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रॉन्ग रूम में रखा गया है। अब 10 मार्च को नतीजों की बारी है, तब तक पंजाब का भविष्य इस स्ट्रॉन्ग रूम में आराम कर रहा है।
इस बार सब तरफ 'परिवर्तन' की चर्चा थी, लेकिन पिछली बार मतदान करने वाले लगभग 6 प्रतिशत मतदाताओं ने इस बार वोट ना कर किसी भी प्रकार के परिवर्तन के लिए मतदान नहीं किया। इसके साथ ही लगभग 29 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान करने या अपनी किस्मत खुद तय करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। शायद वो जानते हैं, बदलाव तो महज एक ढकोसला है और व्यवस्था इतनी भ्रष्ट हो गई है कि कोई चुनावी वादा कभी पूरा ही नहीं होता। कोई मसीहा बनकर उन्हें रोजमर्रा की तकलीफों से निजात नहीं दिलाने वाला।
अब चुनाव इस बात पर निर्भर करते है कि कौन मीडिया पर अधिक खर्च कर सकता है और अधिक प्रचार कर सकता है, कौन वोट खरीदने के लिए अधिक धन और शराब बांट सकता है। हैरानी की बात ये है कि चुनावों के समय ताकतवर दिखने वाला चुनाव आयोग इस बार अजीब तरीके से सुस्त नजर आया और सभी राजनीतिक दलों को खुश करने की कोशिश करता दिखा।
रवींद्र नारायण, एमडी एंड प्रेजीडेंट, पीटीसी नेटवर्क
इस बार पंजाब में त्रिशंकु विधानसभा (hung assembly) की भविष्यवाणी हो रही हैं, लेकिन 2022 के चुनाव परिणाम सभी रजानीतिक पंडितों को हैरान कर सकते हैं और ओपनियन पोल इस बार धरे के धरे रह सकते हैं। पंजाब केवल डेटा नहीं है जिसका विश्लेषण कर भविष्यवाणी की जा सके। पंजाब कोई चार्ट या ग्राफ नहीं है। यह एक भावना के साथ साथ जुनून भी है।
दिल्ली के एसी स्टूडियों में बैठ कर आप पंजाब के बारे में आप अनुमान नहीं लगा सकते। पंजाब को बेहतर तरीके से समझने के लिए आपको पंजाब के हर क्षेत्र के पहलुओं को समझना होगा, जिससे आप पंजाब को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।
लेख- रवींद्र नारायण, एमडी एंड प्रेसिडेंट, पीटीसी नेटवर्क