कोरोना की मार के साथ टोल रेट बढ़ा 'मार' रही सरकार: सुरजेवाला

By  Arvind Kumar April 5th 2020 04:57 PM

चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कोर कमेटी के सद्स्य व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिह सुरजेवाला पत्रकारों से वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से प्रेस वार्ता की व उनके हर सवाल का जवाब दिया। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में 32 नेशनल हाईवे व तीन नेशनल एक्सप्रेस-वे हैं, जिनकी कुल लंबाई 3,531 किलोमीटर है। कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे, जिसे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेव वे भी कहा जाता है, हरियाणा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का हर हिस्सा व हर जिला राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा है। एक जिले से दूसरे जिले जाने के लिए भी अधिकतर समय राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरना पड़ता है। ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्गों पर दिए जाने वाले टोल रेट सीधे-सीधे निजी वाहनों के खर्चे, बस यात्रा व आम जरूरत की वस्तुओं की कीमत पर सीधा प्रभाव डालते हैं, क्योंकि माल ढुलाई के सब ट्रक इत्यादि भी इन्हीं राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरते हैं। सुरजेवाला ने कहा कि आज पूरे देश के साथ साथ हरियाणा प्रदेश कोरोना वायरस व आर्थिक मंदी की मार से ग्रस्त है। साढ़े पांच लाख से अधिक मजदूर पलायन कर अपने प्रदेशों में वापस लौट गए हैं। सभी उद्योग धंधे, व्यवसाय व व्यापार ठप्प पड़े हैं। हरियाणा में न तो खनिज है और न कच्चे माल का उत्पादन। दूसरे प्रदेशों से सड़क के रास्ते से कच्चा माल आता है और हरियाणा का उद्योग उसे बनाता है व पूरे देश व विदेश में निर्यात करता है। ऐसे में वाणिज्यिक वाहनों पर डाला गया हर बोझ हरियाणा के उद्योग को नॉनकम्पटीटिव बनाता है। यही असर खेती बाड़ी की चीजों, फल-फूल व सब्जी के दिल्ली सहित दूसरे प्रदेशों में ले जाकर बेचने पर भी है।

भाजपा–जजपा सरकार पर हमला बोलते हुए सुरजेवाला ने कहा कि 1 अप्रैल, 2020 से हरियाणा के लगभग सभी नेशनल हाईवे पर निजी वाहनों, यात्री वाहनों व वाणिज्यिक वाहनों की टोल दरों में वृद्धि कर हरियाणा की खेती, उद्योग व व्यवसाय पर गहरा प्रहार किया जा रहा है। एक तरफ कोरोना वायरस की मार, दूसरी तरफ आर्थिक मंदी की मार और तीसरी तरफ बढ़ती हुई टोल दरों से बढ़ती हुई महंगाई की मार।

हरियाणा की गठबंधन सरकार से प्रश्न पूछते हुए सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार चुप क्यों है? मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री मौन धारण क्यों किए हैं? दुष्यंत चौटाला तो पुरानी दरों के टोल को ही उखाड़ने का वादा कर सत्ता में आए थे, तो फिर अब सत्ता में आने के बाद यह रहस्यमयी चुप्पी क्यों? हमारी मांग है कि बढ़ी हुई टोल दरों को फौरन वापस लिया जाए। ---PTC NEWS--

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