हाईकोर्ट जज की मॉनिटरिंग में जांच से ही पकड़े जाएंगे शराब घोटाले के असली ‘किंगपिंन’: कांग्रेस

By  Arvind Kumar August 10th 2020 10:00 AM

चंडीगढ़। कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा व रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कोरोना महामारी में लॉकडाउन के दौरान हरियाणा प्रदेश में हुए खुलेआम ‘शराब घोटाले’ तथा चोर दरवाजे से सैंकड़ों-हजारों करोड़ की शराब बिक्री व तस्करी की परतें आए दिन खुल रही हैं। साफ है कि शराब माफिया के तार सीधे-सीधे उच्च पदों पर बैठे राजनीतिज्ञों तथा आला अधिकारियों से जुड़े हैं।

कांग्रेस नेताओं के मुताबिक भाजपा-जजपा सरकार में हड़कंप मचा है तथा प्रदेश के इतिहास में पहली बार परस्पर इल्जामात की राजनीति का खुला खेल चल रहा है। गृहमंत्री, अनिल विज, उपमुख्यमंत्री, दुष्यंत चौटाला के एक्साइज व टैक्सेशन विभाग को दोषी ठहराते हैं। उपमुख्यमंत्री गृहमंत्री के विभाग पर जिम्मेदारी व दोष मढ़ देते हैं। मुख्यमंत्री,  मनोहर लाल खट्टर ने शराब घोटाले की जांच के लिए जिस ‘स्पेशल इंक्वायरी टीम’ (SET) का गठन किया था, जिसकी रिपोर्ट 30 जुलाई, 2020 को सामने आई है, कमाल की बात यह है कि उपमुख्यमंत्री, दुष्यंत चौटाला उस रिपोर्ट को ही सिरे से खारीज कर देते हैं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री, मनोहर लाल खट्टर उपमुख्यमंत्री की बात को ही सिरे से नकार देते हैं।

Real kingpin of alcohol scam will be caught by investigation: Congress

सुरजेवाला ने कहा कि शराब माफिया के घालमेल में बड़े पदों पर बैठे लोग इस प्रकार के इल्जामात की राजनीति कर रहे हैं। प्रदेश में ‘जूतों में दाल’ बंट रही है। इस सारे विवाद में शराब माफिया व शराब तस्करों की पौ बारह है तथा दोषी खुलेआम घूम रहे हैं।

सुरजेवाला के मुताबिक 11 मई, 2020 को स्पेशल इंक्वायरी टीम के गठन से आज तक के घटनाक्रम में सीधे-सीधे जिम्मेवारी व जवाबदेही की आंच मुख्यमंत्री, मनोहर लाल खट्टर की ड्योढ़ी पर ला खड़ी की है। अब SET के गठन को लेकर गृहमंत्री व मुख्यमंत्री की फाइल नोटिंग सार्वजनिक हो गई है।

कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि SET की रिपोर्ट में सफेदपोशों तथा अफसरशाही की शराब ठेकेदारों व शराब माफिया से संलिप्तता का षडयंत्र खुले तौर से सामने आया है। पर उपमुख्यमंत्री ने SET की रिपोर्ट को ही सिरे से खारिज कर दिया और मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री की बात से किनारा कर उनके दावे को खारिज कर दिया। ऐसे में जब मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री अलग-अलग राजनीतिक दलों से है व गठबंधन की सरकार चलाते हैं, तो एक –दूसरे पर अविश्वास की स्थिति स्पष्ट है। साफ है कि दोनों दलों ने एक-दूसरे में विश्वास खो दिया है। सवाल ये है कि ऐसे में क्या खट्टर सरकार को सत्ता में बने रहने का अधिकार रह गया है? मुख्यमंत्री, मनोहर लाल खट्टर व दुष्यंत चौटाला इसका जवाब हरियाणा की जनता को दें।

---PTC NEWS---

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