नेशनल डेस्क: बरेली में कांग्रेस की मैराथन रैली में अव्यवस्था के चलते भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कई छात्राएं दब और कईयों के जूते चप्पल भी सड़क पर रह गए। इस भगदड़ में कई छात्राओं को चोट भी आई हैं।
प्रियंका गांधी के 'लड़की हूं-लड़ सकती हूं' मुहिम के तहत यह मैराथन आयोजित की गई थी। सुबह हजारों की संख्या में लड़कियां मैराथन में पहुंच गईं। मैराथन शुरू होते ही भगदड़ मच गई। आगे दौड़ रही कुछ बच्चियां धक्का लगने से गिर गईं। इसके बाद पीछे आ रही भीड़ उन पर गिर पड़ी। कई बच्चियां नीचे दब गईं। इसे देख आयोजकों के हाथ-पांव फूल गए।
चीख-पुकार के बीच किसी तरह उन्होंने बच्चियों को बाहर निकाला। इसके बाद ज्यादातर बच्चियों के परिजन उन्हें घर ले गए। इसके साथ ही यहां कोरोना गाइडलाइन का पालन भी नहीं किया गया। बच्चियां भीड़ में एकदम सटकर खड़ीं थीं।
इस घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने साजिश की ओर इशारा किया है। इस घटना को लेकर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन का बेतुका बयान भी सामने आया। उन्होंने कहा, जब वैष्णों देवी में भगदड़ मच सकती है, ये तो बच्चियां हैं। ये इंसानी फितरत होती है, लेकिन मैं मीडियाकर्मियो से माफी मांगती हूं, ये साजिश भी हो सकती है, कांग्रेस के बढ़ते जनाधार की वजह से इस तरह की साजिश हो सकती है।
वहीं यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि मैराथन में कुछ लड़कियां घायल हो गई हैं, और हम आगे के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह बीजेपी सरकार द्वारा रची गई साजिश थी। स्थानीय जिला प्रशासन को पता था कि मैराथन हो रही है, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया। यह स्थिति स्थानीय प्रशासन की ओर से ढिलाई का नतीजा है।
इधर, कार्यक्रम में शामिल होने आई ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की नेशनल कोआर्डिनेटर और UP वेस्ट की प्रभारी संगीता गर्ग सफाई देते नजर आईं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम सफल रहा और इसमें करीब 10 हजार बच्चियों ने हिस्सा लिया।
फिलहाल इस घटना के बाद घायल छात्राओं को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है। जानकारी के मुताबिक 108 एंबुलेंस के जरिए 3 छात्राओं को तुरंत अस्पताल भेजा गया। घटना के बाद शहर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुची। पता लगाने की कोशिश हो रही है कि आखिर ये भगदड़ कैसे हुई।