भाजपा नेताओं के खिलाफ मामलों की सुनवाई कर रहे जज का अचानक तबादला!

By  Arvind Kumar February 27th 2020 12:51 PM

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर एवं जस्टिस तलवंत सिंह की दो जज की बेंच ने 26 फरवरी को दंगा भड़काने में कुछ भाजपा नेताओं की भूमिका को पहचानकर उनके खिलाफ सख्त आदेश पारित किए एवं पुलिस को कानून के अंतर्गत तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया। लेकिन बेंच द्वारा आदेश दिए जाने के कुछ घंटों में ही, न्याय व कानून मंत्रालय ने एक आदेश पारित कर उनका ट्रांसफर तत्काल पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट कर दिया।

Sudden transfer of judge hearing cases against BJP leaders भाजपा नेताओं के खिलाफ मामलों की सुनवाई कर रहे जज का अचानक तबादला!

इस ट्रांसफर को लेकर कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवालाने कहा कि पूरा देश अचंभित है, लेकिन मोदी शाह सरकार की दुर्भावना, कुत्सित सोच व निरंकुशता किसी से छिपी नहीं, जिसके चलते वो उन लोगों को बचाने का हर संभव प्रयास करेंगे, जिन्होंने भड़काऊ भाषण दे नफरत के बीज बोए और हिंसा फैलाई। एक मजबूत व स्वतंत्र जुडिशियरी इस देश की रीढ़ है। हमारे देश के इतिहास में जुडिशियरी ने महत्वपूर्ण अवसरों पर इस देश के नागरिकों व इसके संविधान की रक्षा की है। यद्यपि ऐसा पहली बार हो रहा है जब कोई सरकार सत्ता के नशे में इतनी चूर है कि वह इस देश के संविधान, संस्थानों एवं देश के नागरिकों के विश्वास को कमजोर करती जा रही है।

सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री एवं अमित शाह को तीन सवालों के जवाब देने होंगेः

1. क्या आपको यह डर था कि यदि आपकी पार्टी के नेताओं की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच की जाएगी, तो दिल्ली की हिंसा, आतंक व अफरा-तफरी में षड्यंत्र का पर्दाफाश हो जाएगा?

2. निष्पक्ष व प्रभावशाली न्याय सुनिश्चित किए जाने से रोकने के लिए आप कितने जजों का ट्रांसफर करेंगे?

3. क्या आपके पास अपनी ही पार्टी के नेताओं द्वारा दिए गए विषैले बयानों को उचित ठहराने का कोई रास्ता नहीं था, इसलिए आपने उस जज का ही ट्रांसफर कर दिया, जिसने पुलिस को आपकी पार्टी के नेताओं की जांच करने का आदेश दिया था?

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार की न्याय पालिका पर अनर्थक दबाव बनाने तथा बदला लेने का यह पहला मामला नहीं है। याद रहे कि गुजरात दंगों में मोदी -अमित शाह के खिलाफ वकील रहे सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध सीनियर एडवोकेट गोपाल सुब्रमण्यम की नियुक्ति को मोदी सरकार ने जबरन रोक दिया व सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम के आदेशों की परवाह नहीं की। इसी प्रकार से उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार को नाजायज तौर पर बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने के निर्णय को सिरे से खारिज करने वाले न्यायाधीश, जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति को मोदी सरकार द्वारा रोक कर रखा गया।

Sudden transfer of judge hearing cases against BJP leaders भाजपा नेताओं के खिलाफ मामलों की सुनवाई कर रहे जज का अचानक तबादला!

कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें इस बात में कोई संदेह नहीं कि जो जज आज इस मामले की सुनवाई करेंगे, वो उसी साहस, प्रतिबद्धता व स्वतंत्रता के साथ न्याय प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे, जिसके साथ जस्टिस मुरलीधर ने इस अहंकारी, प्रतिशोधपूर्ण व अकुशल सरकार को कटघरे में खड़ा किया। भय और नफरत का माहौल पैदा करने वाले किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाना चाहिए। उन परिवारों के लिए हमारा यह दायित्व है, जिन्होंने अपने प्रियजन, अपने घर और अपनी आजीविकाएं खो दीं।

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