पुलिस भर्ती मामले में विपक्ष कर रहा राजनीति, हर आरोपी पर होगी कड़ी कार्रवाई: सीएम जयराम
हिमाचल प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में सियासत उफान पर है। विपक्ष पेपर लीक मामले को लेकर सरकार पर हमलावर है। सरकार ने पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है, लेकिन विपक्ष उच्च न्यायालय के न्यायधीश की देखरेख में मामले की जाँच की मांग उठा रहा है। इस विषय पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष के हमलों पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष पहले सीबीआई जांच की मांग उठा रहा था, जब उन्होंने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। ऐसे में अब उच्च न्यायालय की जांच की मांग कर रहा है. ये सरासर राजनीति है और कुछ नहीं हैं। कांग्रेस अब कह रही है कि DGP और CM का त्यागपत्र होना चाहिए। न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह मामला उलझ जाएगा। पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में अभी तक 70 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन किसी भी पुलिस वाले पर अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है। इसे लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा की सरकार के ध्यान में जैसे ही मामला आया उस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसआईटी का गठन कर जांच में तेजी लाई गई और गिरफ्तारियां की गई यदि कोई पुलिस का अफसर भी मामले में शामिल हुआ तो उसको भी नहीं छोड़ा जाएगा। प्रदेश सरकार ने सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपने का निर्णय लिया है हालांकि अभी सीबीआई ने मामला अपने हाथ में नहीं लिया है, जब तक सीबीआई मामले को अपने हाथ में नहीं लेती है तब तक प्रदेश में एसआईटी मामले की जांच करेगी। मामले की जांच को अंज़ाम तक पहुंचाया जाएगा और दोषियों पर कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। एसआईटी दोषियों के करीब पहुंच चुकी है। बता दें कि हिमाचल पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले ही लीक हो गया था। कांगड़ा पुलिस ने जांच के बाद इसका खुलासा किया था। इसते तार दिल्ली, हरियाणा, यूपी, बिहार से जुड़े हैं। चंद्रगुप्त नाम के आरोपी को इसका मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। चंद्रगुप्त पहले भी पेपर लीक मामले में जेल जा चुका है।