Haryana: करनाल में CM फ्लाइंग का छापा, सरकारी गेहूं से भरे दो ट्रक पकड़े, सोनीपत में बेचे जाने थे गेहूं के कट्टे
ब्यूरो : सीएम फ्लाइंग और सीआईडी की टीम ने मुखबिरी के आधार पर छापा मारकर बसताड़ा टोल पर सरकारी गेहूं से भरे दो ट्रक पकड़े हैं। ट्रक में करीब 1200 कट्टे सरकारी गेहूं के भरे थे। इस गेहूं को सोनीपत में बेचा जाना था। ट्रक को कब्जे में लेकर टीम जांच में जुटी है। इंद्री क्षेत्र की फार्मर शील्ड एग्रो फ्लोर मिल को एफसीआई ने आटा तैयार करने के लिए 50 हजार क्विंटल गेहूं अलाॅट किया था। सरकारी एजेंसी हैफेड के गोदाम से गेंहू की डिलीवरी की जा रही है मगर मिल संचालक ने सरकारी गेहूं से आटा तैयार करने के बजाए गेहूं को बेचना शुरू कर दिया। मंगलवार देर शाम हैफेड के गोदाम से लोड हुए दो ट्रक इंद्री फ्लोर मिल पहुंचने के बजाए ट्रेडिंग के जरिए बेच दिए। आटा मिल मालिक ने सरकारी गोदाम से मिले गेटपास रख लिए और ट्रक ड्राइवरों को लाडवा की एक फर्म के फर्जी बिल देकर ट्रकों को सोनीपत के लिए रवाना कर दिया।
गेहूं बेचे जाने की सूचना पर सीआईडी और सीएम फ्लाइंग ने बसताड़ा टोल पर दोनों ट्रकों की चेकिंग की तो इस खेल का खुलासा हुआ। सीएम फ्लाइंग ने जांच के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग और हैफेड के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया। गेहूं बेचने जा रहे ट्रक ड्राइवरों से भी पूछताछ की गई, जिसके बाद ये स्पष्ट हो गया कि भारत आटा स्कीम के लिए मिले गेहूं को बेचा जा रहा था।
दरअसल केंद्र सरकार की ओर से सस्ता आटा आम लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से भारत आटा स्कीम शुरू की गई है। इस स्कीम के तहत आटा बनाने के लिए चिन्हित प्राइवेट मिलों को 2150 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं दिया जा रहा है, जबकि बाजार में गेहूं का वर्तमान मूल्य करीब 2800 रुपए प्रति क्विंटल है। सरकारी गेहूं कम भाव पर लेने वाले मिलों के लिए शर्तें लगाई गई हैं कि वह सरकारी गोदाम से गेहूं लेकर पिसाई करके आटा तैयार करेंगे। इस गेहूं की बाजार में बेचने पर रोक लगाई गई है।
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