बीसीबी कैटेगरी में पहली रैंक हांसिल कर मेवात की बेटी बनी जज
नूह। (ऐके बघेल) हरियाणा में शिक्षा क्षेत्र में सबसे पिछड़े नूह जिले की एक बेटी ने हरियाणा राज्य न्यायिक सेवा के नतीजों में बीसीबी कैटेगरी में प्रथम स्थान हासिल कर मेवात को गौरवान्वित करने का काम किया है। इतना ही नहीं महज एक वर्ष में इस बेटी का हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली में जज की परीक्षा उत्तीर्ण करने में नंबर आ चुका है। बड़ी बहन तरन्नुम हरियाणा राज्य न्यायिक सेवा में करीब सात वर्ष पहले पहली महिला मुस्लिम जज बनने का इतिहास अपने नाम कर चुकी है। हरियाणा राज्य न्यायिक सेवा में बेटी तबस्सुम का नाम आने से उनके पिता सेवानिवृत्त हरियाणा पुलिस याकूब खान ही नहीं उनके बेटे तारीफ खान सहित पूरा परिवार खुशी से झूम रहा है।
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बीसीबी कैटेगरी में पहली रैंक हांसिल कर मेवात की बेटी बनी जज[/caption]
हरियाणा राज्य न्यायिक सेवा में बीसीबी में प्रथम स्थान हासिल करने वाली तबस्सुम जल्दी ही मेवात जिले के अपने पैतृक गांव बिसरू आने वाली है। बेटी के स्वागत के लिए परिवार ही नहीं बल्कि पूरा गांव तैयारियों में जुटा है। अपनी बड़ी बहन व अपने पिता से प्रेरणा लेकर तबस्सुम ने यह मुकाम हासिल किया है। तरन्नुम व तबस्सुम के पिता जब हरियाणा पुलिस में नौकरी करते थे उसी समय उन्होंने अपनी दोनों बेटियों व दो बेटों को अच्छी तालीम दिलाने की सोची थी। तबस्सुम - तरन्नुम को जब स्कूल व कॉलेज पढ़ने के लिए भेजा गया तो याकूब खान को समाज के ताने भी सुनने पड़े, लेकिन उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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बीसीबी कैटेगरी में पहली रैंक हांसिल कर मेवात की बेटी बनी जज[/caption]
फरीदाबाद और दिल्ली में पढ़ी उनकी बेटी तबस्सुम ने उनके सपने को जज बनकर साकार कर दिया। हालांकि इससे पहले ही बड़ी बहन तरन्नुम हरियाणा में जज बनकर इतिहास लिख चुकी थी। तबस्सुम के भाई तारीफ खान अपने पैतृक गांव बिसरू में स्कूल चलाते हैं और शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। याकूब खान अब हरियाणा पुलिस से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और वह भी अपने बेटे के साथ शिक्षा की अलख जगाने में जी-जान से जुटे हुए हैं। याकूब खान के एक पुत्र दिल्ली में वकालत कर रहे हैं उनका भी सपना जज बनने का है। मेवात जिले का यह पहला गांव है, जहां दो सगी बहनों ने हरियाणा में जज बनकर इतिहास रच दिया है। इनकी इस उपलब्धि से मेवात के लोग बेहद खुश हैं। साथ ही दोनों जज बहनें लड़कियों की शिक्षा में भी अहम किरदार निभा सकती हैं। बिसरू गांव की गिनती नूह जिले के शिक्षित गांवों में होती है। करीब 25 हजार की आबादी वाला यह गांव अब इलाके में चर्चाओं में बना हुआ है।
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---PTC NEWS---