विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस को झटका, गुरमीत सिंह सोढ़ी बीजेपी में शामिल
चंडीगढ़: पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस पार्टी मुश्किलों में घिरती नजर आ रही है। पंजाब कांग्रेस में इन दिनों गुटबाजी जोरों पर हैं। सिद्धू से लेकर चन्नी तक एक दूसरे पर ही प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। सरकार के मंत्री भी कांग्रेस कमेटी पर बयानबाजी कर रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी के बीच फिरोजपुर की गुरुहरसहाय सीट से विधायक गुरमीत सिंह सोढ़ी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया। उन्होंने कहा कि मैं पिछले चार दशकों से अधिक समय तक कांग्रेस पार्टी में हूं। मुझे राजीव गांधी ने 1985 में जिला फिरोजपुर के गुरुहरसहाय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए चुना था। मैं हमेशा से पार्टी का एक कट्टर कार्यकर्ता रहा हूं। मैंने 2002 से अब तक लगातार चार बार गुरुहरसहाय निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा और जीता है।
पंजाब कांग्रेस पार्टी के भीतर चल रही कलह से मैं बहुत आहत हूं। इससे पार्टी को तो नुकसान हो ही रहा है, साथ ही राज्य और सरकार के लिए भी गंभीर समस्या पैदा हो रही है। मैं वर्तमान स्थिति में घुटन और असहाय महसूस करता हूं, खासकर जब पार्टी ने राज्य की सुरक्षा और सांप्रदायिक सद्भाव को दांव पर लगा दिया है। पंजाब में शांति बहाल करने के लिए कार्रवाई करने के बजाय वरिष्ठ कांग्रेस नेतृत्व अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए सीमावर्ती राज्य को नष्ट करने पर आमादा है।
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बीजेपी में शामिल होते गुरमीत सिंह सोढ़ी[/caption]
वर्तमान स्थिति से क्षुब्ध होकर मैंने कांग्रेस पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "मेरा इको ख्वाब, हसदा वासदा रहे पंजाब"।