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सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा फिर पहुंचे आंदोलनरत किसानों के बीच, दिया पूर्ण समर्थन

Written by  Arvind Kumar -- December 16th 2020 05:09 PM -- Updated: December 16th 2020 05:11 PM
सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा फिर पहुंचे आंदोलनरत किसानों के बीच, दिया पूर्ण समर्थन

सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा फिर पहुंचे आंदोलनरत किसानों के बीच, दिया पूर्ण समर्थन

  • ढासा बॉर्डर पर धरने में पहुंचे दीपेंद्र हुड्डा
  • कहा किसान जो भी आदेश करेंगे मैं उसका पालन करुंगा
  • अपने ही मतदाता से विश्वासघात करने के कारण जेजेपी की दुकान बंद
  • सरकार के पास किसानों के सवालों का जवाब नहीं है, इसलिये संसद में चर्चा से भाग रही
बादली। सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा आज फिर आंदोलनरत किसानों के बीच पहुंचे और 3 कृषि कानूनों के खिलाफ बादली-दिल्ली के ढासा बॉर्डर पर चल रहे धरने में शामिल होकर उनको अपना पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि किसान जो भी आदेश करेंगे वे उसका पालन करेंगे। इस दौरान बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आवाज़ दबाना चाहती है। उसके पास किसानों के सवालों का कोई जवाब नहीं है, यही कारण है कि संसद का शीतकालीन सत्र रद्द करके वो चर्चा से भाग रही है। उन्होंने कहा कि संसद ही एक ऐसा मंच है जहां कोई भी जनप्रतिनिधि आम जनता की आवाज़ उठा सकता है। लोकतंत्र में इतनी गुंजाइश होनी चाहिए कि सरकार विपक्ष की भी आवाज़ सुने। संसद सत्र रद्द करने का सरकार का यह कदम लोकतंत्र के लिये अच्छा संकेत नहीं है। [caption id="attachment_458367" align="aligncenter" width="700"]Deepender Hooda on Farmers Protest सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा फिर पहुंचे आंदोलनरत किसानों के बीच, दिया पूर्ण समर्थन[/caption] सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि व्यापारी के व्यापार, नौजवान के रोजगार, मजदूर की मजदूरी पर चोट मारने के बाद अब सरकार की टेढ़ी नजर किसान और कृषि पर है। पहले तो सरकार ने बहुमत के घमंड में सारी संसदीय परंपराओं और प्रक्रियाओं को दरकिनार कर बिना सलाह-मश्विरा और बिना चर्चा के ध्वनिमत से तीन कृषि बिल पास करा लिया। जबकि यह सर्वविदित है कि उस दिन सत्तारुढ़ दल के पास बहुमत नहीं था। यह भी पढ़ें- हरियाणा सरकार के दो बड़े फैसले, दुकानदारों और पेंशनरों को दी बड़ी राहत यह भी पढ़ें- 60 लाख रुपए में बिका किसान का हीरा, इन पैसों से करेगा ये काम? सरकार ने पहले ही यदि खुले मन से विचार किया होता तो आज ये स्थिति नहीं होती और किसानों को इस कड़ाके की सर्दी में सड़कों पर विरोध नहीं करना पड़ता। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कोरोना की आड़ में संसद का शीतकालीन सत्र रद्द कर सरकार फिर से उसी गलती को दोहरा रही है और देश की ज्वलंत समस्याओं पर विचार करने से कतरा रही है। उन्होंने सवाल किया कि भाजपा के नेता चुनाव के लिये रैलियां कर रहे हैं तो फिर संसद में आने से क्यों डर रहे हैं। [caption id="attachment_458368" align="aligncenter" width="748"]Deepender Hooda on Farmers Protest सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा फिर पहुंचे आंदोलनरत किसानों के बीच, दिया पूर्ण समर्थन[/caption] दीपेंद्र हुड्डा ने जेजेपी के रवैये पर हमला करते हुए कहा कि अपने ही मतदाता से विश्वासघात करने कारण जेजेपी की दुकान बंद हो चुकी है। उसमें अब न कोई सामान है न कोई खरीददार है। अब जेजेपी के चेहरे का नकाब पूरी तरह से उतर गया है। उन्होंने कहा कि जो अन्नदाता के साथ विश्वासघात करेगा उसे आने वाला समय माफ नहीं करेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जिस देश में किसान का सम्मान नहीं वो देश आगे नहीं बढ़ सकता। देश का अन्नदाता शांतिप्रिय तरीके से लोकतंत्र की मर्यादा में अपनी जायज मांगों के साथ सरकार के दरवाजे पर आया है। लेकिन सरकार किसानों की सुनवाई करने की बजाय सारे दरवाजे बंद कर रही है। [caption id="attachment_458365" align="aligncenter" width="700"]Deepender Hooda on Farmers Protest सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा फिर पहुंचे आंदोलनरत किसानों के बीच, दिया पूर्ण समर्थन[/caption] सांसद दीपेंद्र ने कहा कि ठंड में ठिठुरते हुए हर रोज किसी न किसी किसान की मृत्यु की दुःखद खबर आती है। उन्होंने सरकार से अपील करी कि तुरंत समाधान निकाले, किसानों की बात मानते हुए तीनों बिलों को वापस ले। किसानों की मांग स्वीकार करने पर सरकार के खजाने पर एक पैसे का बोझ नहीं पड़ रहा है तो फिर सरकार क्यों जिद कर रही है। किसान धरती को अपनी मां मानता है और मां का अपमान वह किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।

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