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प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला

Written by  Arvind Kumar -- March 17th 2021 10:09 AM
प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला

प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला

चंडीगढ़। हरियाणा में अब शहरी क्षेत्रों में केवल कृषि के लिए प्रयोग की जाने वाली भूमियों पर कोई प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगेगा। सम्पत्ति कर लगाने वाली धारा में ही संशोधित प्रावधान के द्वारा केवल कृषि के लिए ही उपयोग की जाने वाली भूमि को कर के दायरे से बाहर करके ऐसा प्रावधान करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। प्रदेश सरकार ने चल रहे विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 15 मार्च, 2021 को विधान सभा में बिल पारित करके सम्पत्ति कर लगाने वाले कानून में विशिष्ट तौर पर यह प्रावधान किया है। [caption id="attachment_482075" align="aligncenter" width="700"]Property tax on Agricultural Use Land प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला[/caption] इस संबंध में एक सरकारी प्रवक्ता ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत के संविधान के 7वें अनुसूची के सूची-II (राज्य सूची) के क्रम संख्या 49 में वर्णित प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकारों को भूमियों एवं भवनों पर सम्पत्ति कर लगाने का अधिकार हैं । इसके आधार पर सभी राज्यों द्वारा भूमियों एवं भवनों पर सम्पत्ति कर लगाया जाता हैं तथा इसी के अनुरूप हरियाणा राज्य में भी भवनों एवं भूमियों दोनों पर ही सम्पत्ति कर लगाया जाता रहा है। यह भी पढ़ें- किसी ने राजनैतिक पार्टी के नेता के बहिष्कार की घोषणा की तो सदन करेगा निंदा यह भी पढ़ें- सीएम खट्टर के घेराव का मामला: बिक्रम मजीठिया समेत पंजाब के 9 विधायकों पर FIR [caption id="attachment_482077" align="aligncenter" width="700"] प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला[/caption] प्रदेश सरकार द्वारा किए गए वर्तमान संशोधन के द्वारा , सम्पत्ति कर को केवल प्रोप्रटी की कीमत (वैल्यू) के आधार पर लगाने तथा प्रोप्रटी टैक्स के लिए एक न्यूनतम दर निर्धारित करने का प्रावधान किया गया है । पालिकाओं को इन न्यूनतम दरों से उच्च दरों पर प्रॉपर्टी टैक्स लगाने का भी अधिकार होगा। यह प्रस्तावना आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की निम्न सिफारिश के मध्यनजर है। [caption id="attachment_482078" align="aligncenter" width="700"] प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला[/caption] इन सिफारिशों में प्रचलित सर्कल रेटस / गाइडलाईनस रेटस के अनुरूप सम्पत्ति कर के फलोर रेट अधिसूचित करना, सम्पत्ति में समय - समय पर मूल्यवृद्धि के अनुरूप वृद्धि करने की प्रणाली बनाना शामिल है। सम्पत्ति कर में इन सुधारों को लागू करने के फलस्वरूप राज्य को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जी.एस.डी.पी.) का अतिरिक्त 0.25 प्रतिशत उधार के तौर पर मिलेगा। अब तक इस प्रकार का संशोधन करके पांच राज्यों नामत: राजस्थान , आध्र प्रदेश , तेलंगाना , मध्य प्रदेश व मणिपुर को वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अतिरिक्त उधार के रूप में 0.25 प्रतिशत देने की सिफारिश कर दी हैं।


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