Thu, Apr 25, 2024
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मेरे खिलाफ हुई एकतरफा साजिश, आजीवन प्रतिबंध के खिलाफ लड़ूंगा लड़ाई: सतेंदर मलिक

Written by  Vinod Kumar -- May 20th 2022 01:11 PM -- Updated: May 20th 2022 01:12 PM
मेरे खिलाफ हुई एकतरफा साजिश, आजीवन प्रतिबंध के खिलाफ लड़ूंगा लड़ाई: सतेंदर मलिक

मेरे खिलाफ हुई एकतरफा साजिश, आजीवन प्रतिबंध के खिलाफ लड़ूंगा लड़ाई: सतेंदर मलिक

झज्जर/प्रवीण अहलावत: पहलवान सतेंदर मलिक ने मंगलवार को राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल के दौरान 125 किग्रा का फाइनल हारने के बाद रेफरी जगबीर सिंह और पहलवान सतेंदर मलिक के बीच हाथापाई हो गई। बात इतनी बड़ी की दोनों ने एक दूसरे को थप्पड़ मार दिए। इसके बाद राष्ट्रीय कुश्ती महासंघ ने सतेंदर मलिक पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया। अंतरराष्ट्रीय पहलवान सतेंदर मलिक ने पीटीसी न्यूज से फोन पर बातचीत करते हुए भारतीय कुश्ती प्रणाली को लेकर गंभीर सवाल उठाए। सत्येंद्र के अनुसार अगर इतने बड़े लेवल पर किसी पहलवान के साथ ऐसा हो सकता है तो यह बेहद गंभीर बात है। अगर आज सभी ओलंपिक मेडलिस्ट या अन्य मेडलिस्ट एकजुट होकर आवाज नहीं उठाएंगे तो आने वाले समय में सभी के साथ बहुत गलत होने वाला है और भारतीय कुश्ती में अब एक बड़े सुधार की जरूरत है चाहे वह मैच रैफरी हों चेयरमैन हो या फिर कोच हों। सतेंद्र मलिक ने कहा कि आने वाले समय में यदि भारतीय कुश्ती में सुधार नहीं किए गए तो भारतीय कुश्ती का भविष्य बेहद अंधकार में होगा। झगड़े पर सत्येंद्र मलिक की सफाई सत्येंद्र मलिक ने भावुक होते हुए कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए अथक मेहनत लगती है और उनकी मेहनत पर 1 मिनट में पानी फेर दिया। मैंने सिर्फ यही पूछा था कि कि आपने मेरे साथ बहुत गलत किया आपको क्या मिल गया। पीटीसी न्यूज़ बातचीत के दौरान सत्येंद्र मलिक ने मांग रखी की उनकी बाउट का वीडियो दोबारा से अंतरराष्ट्रीय जूरी या फिर किसी एक्सपर्ट को दिखाया जाए। सत्येंद्र के मुताबिक उनकी बाउट में कुश्ती के नियमों को पूरी तरीके से ताक पर रख दिया गया, क्योंकि जो मैट ज्यूरी होती है, अगर उसने स्क्रीन पर अपना परिणाम घोषित कर दिया तो वही परिणाम मान्य होता है और उसके मुताबिक वह मैच जीत रहे थे, लेकिन इस मामले में जूरी का फैसला ही बदल दिया गया और आज तक किसी नेशनल या इंटरनेशनल कुश्ती इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। पहलवान सत्येंद्र के मुताबिक उनके खिलाफ एकतरफा साजिश रची गई। फेडरेशन ने हमेशा साथ दिया चाहे नेताजी( बृजभूषण सहारण) हो चाहें राजीव तोमर हो हमेशा साथ खड़े रहे, लेकिन ज्यूरी का फैसला बदलना एक बड़ी साजिश है। सत्येंद्र के मुताबिक उन पर एकतरफा कार्रवाई की गई। सत्येंद्र ने बताया कि भारतीय कुश्ती में रैफरियों का एक पूरा झुंड है, जोकि पहलवानों को टारगेट करता है और मैं अकेला रेसलर नहीं हूं जो इनका शिकार हुआ हूं। आज से पहले बहुत सारे पहलवान इनका शिकार हो चुके हैं। रेफरी गलत करते हैं और सवाल भारतीय कुश्ती फेडरेशन पर उठते हैं। सत्येंद्र मलिक ने कहा कि मेरे अपोनेंट रेसलर का बैकग्राउंड काफी मजबूत है शायद इसीलिए ज्यूरी को बदला गया। इसे आप राजनीतिक पकड़ का नाम दे सकते हैं या फिर उस समय प्रतियोगिता में किसी अधिकारी पर दबाव रहा होगा। जिस कोच जगबीर ने पॉइंट्स टेबल को बदलवाया वह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था, क्योंकि जगबीर उस वक्त बजरंग पुनिया की कुश्ती के दौरान रेफरी थे। किसी और मैच से उनको बुला कर जो किया गया वह पूरी तरीके से कुश्ती नियमों के खिलाफ है। मलिक ने कहा कि मेरी कोशिश सिर्फ इतनी है कि सच्चाई सामने आए और मेरा ट्रायल दोबारा हो, ताकि मैं अपने सपने पूरे कर सकूं, क्योंकि मेरे मैच के दौरान मौजूद रैफरी ने जो परिणाम दिए थे उसके मुताबिक मैं विजेता था। मेरे खिलाफ जल्दबाजी में आजीवन प्रतिबंध का फैसला लिया गया जो कि गलत है यह प्रतिबंध हटना चाहिए। मौजूदा कुश्ती की वीडियो को अच्छे से देख कर फैसला होना चाहिए क्योंकि उसके मुताबिक मैं 4-1 से विजेता हूं। मेरे साथ इंसाफ होना चाहिए। मलिक ने कहा कि इस घटना के बाद भी मैं टूटा नहीं हूं मजबूती से खड़ा हूं और मजबूती से ही आगे की लड़ाई भी लडूंगा। अगर न्याय नहीं मिला तो हमेशा इस बात का मलाल रहेगा कि किसी एक व्यक्ति ने सारे सपनों को चकनाचूर कर दिया यदि मैं कुश्ती हार जाता तो इस बात का कभी मलाल नहीं रहता। न्याय के लिए फेडरेशन के पास भी जाऊंगा और कोर्ट में भी अपनी पूरी लड़ाई लडूंगा। भारतीय कुश्ती के सभी बड़े खिलाड़ी उनके साथ हैं फोन करके भी उन्होंने मुझे बताया कि आपके साथ गलत हुआ है, लेकिन सामने इसलिए नहीं आ रहे हैं कि अगर वह कुछ बोलेंगे तो भविष्य में उनके साथ भी गलत किया जाएगा।


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